Sharad Purnima date: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण और पुण्यदायक होता है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी से काफी निकट होता है। मान्यता है कि इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है।
Sharad Purnima: इस साल शरद पूर्णिमा के दिन कई शुभ योग बनने से इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। इस दिन को लक्ष्मी, इंद्र पूजा और कोजागिरी व्रत भी कहा जाता है। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती और महर्षि पाराशर ऋषि जयंती भी मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होती है। मान्यता है कि चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान होती हैं। शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का खास दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात में भम्रण पर निकलती है। इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर 2022, रविवार को है।
शरद पूर्णिमा का दिन खास-
शरद पूर्णिमा के दिन बुध व शुक्र की युति से लक्ष्मीनारायण योग, सूर्य व बुध की युति से बुधादित्य योग, चंद्र और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। इसके अलावा बुध, शनि व गुरु तीनों के स्वराशि होने से भद्र, शश और हंस नामक पंचमहापुरुष योग बन रहे हैं। ऐसे में यह दिन खरीदारी के लिए काफी शुभ माना जा रहा है।
शरद पूर्णिमा पर क्या करें
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अपने ईष्टदेव की अराधना करें। पूजा के दौरान भगवान को गंध, अक्षत, तांबूल, दीप, पुष्प, धूप, सुपारी और दक्षिणा अर्पित करें। रात्रि के समय गाय के दूध से खीर बनाएं और आधी रात को भगवान को भोग लगाएं। रात को खीर से भरा बर्तन चांद की रोशनी में रखकर उसे दूसरे दिन ग्रहण करें। यह खीर प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करें।
शरद पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 09, 2022 को 03:41 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – अक्टूबर 10, 2022 को 02:24 ए एम बजे
शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – 05:51 पी एम
शरद पूर्णिमा के दिन इन बातों का रखें ध्यान-
शरद पूर्णिमा के दिन फल और जल का सेवन करके व्रत रखा जा सकता है। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इस दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। सफेद रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए।