कोंडागांव जिले के बफना में सोमवार को मरार समाज की ईष्ट देवी मां शाकंभरी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर समाज की महिलाओं ने माता के जयकारों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। बफना भीरावंड में पिछले 6 सालों से यह परंपरा निभाई जा रही है, जहां समाज के सभी लोग एक जगह एकत्रित होकर शोभायात्रा निकालते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। इस साल भी सभी परिवारों ने एकजुट होकर कार्यक्रम में भाग लिया। समाज के प्रमुखों ने इस दौरान माता शाकंभरी की उत्पत्ति की कथा का विस्तार से वर्णन किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से खिचड़ी प्रसाद का आयोजन किया गया। माता को भोग लगाने के बाद आरती की गई और सड़क पर आने-जाने वाले राहगीरों को प्रसाद का वितरण किया गया। ‘शाकाहार की देवी’ है मां शाकंभरी हिंदू धर्म में मां शाकंभरी देवी को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। पौष माह की पूर्णिमा तिथि को शाकंभरी जयंती मनाई जाती है। मां शाकंभरी देवी को ‘शाकाहार की देवी’ भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब धरती पर भयंकर अकाल पड़ा था, तो मां शाकंभरी ने अपने भक्तों को सब्जियां और फल प्रदान कर उनके जीवन की रक्षा की थी। इसी वजह से इनको शाकंभरी देवी कहा जाता है। समारोह में ग्राम समिति के पदाधिकारियों सहित श्रवण कौशिक, नवल पटेल, सोनधर कौशिक, अनुराग पटेल, नथेला कौशिक, मनोज कौशिक समेत समाज के सभी लोग मौजूद रहे। यह आयोजन क्षेत्र में सामाजिक एकता और धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गया।

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed