महाराष्ट्र में भाजपा के शिवसेना के साथ रिश्तों में और कटुता बढ़ने के आसार हैं। अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा का हनुमान चालीसा मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति के बाद अब दिल्ली तक पहुंच गया है।

महाराष्ट्र में भाजपा के शिवसेना के साथ रिश्तों में और कटुता बढ़ने के आसार हैं। अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा का हनुमान चालीसा मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति के बाद अब दिल्ली तक पहुंच गया है। राणा का इस तरह शिवसेना और खासकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर मुखर होना महज संयोग नहीं है। भाजपा नेता उनके बचाव में भी आए हैं और कहीं न कहीं राणा के जरिए शिवसेना को घेरते हुए भी दिख रहे हैं।

महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा और शिवसेना के बीच हिंदुत्व की पैरोकारी को लेकर जंग छिड़ी हुई है। चूंकि, राज्य में दोनों ही दलों का लंबे समय तक गठबंधन रहा और हिंदुत्व को लेकर साथ राजनीति की है। ऐसे में दोनों दलों के अलग-अलग होने पर हिंदू वोट को अपने-अपने साथ जोड़े रखने को लेकर घमासान शुरू हो गया है। इस साल होने वाले बीएमसी के चुनाव को देखते हुए यह झगड़ा और ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में नवनीत राणा का हनुमान चालीसा मुद्दे पर शिवसेना उद्धव ठाकरे खिलाफ सड़क पर उतरना और मनसे नेता राज ठाकरे की सक्रियता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

विदर्भ में फायदा संभव
सूत्रों के अनुसार, राज ठाकरे और राणा को भाजपा पर्दे के पीछे से सहयोग कर रही है। भाजपा ने खुलकर दोनों का साथ नहीं दिया है। लेकिन यह जो मुद्दे उठा रहे हैं उसे वह पूरा समर्थन कर रही है। नवनीत राणा विदर्भ की राजनीति में भाजपा के लिए सेना के खिलाफ मददगार हो सकती हैं। वहीं, राज ठाकरे मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में भाजपा की मदद से शिवसेना के गढ़ों में सेंध लगा सकते हैं।

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