कैसे मादा मच्छरों को बनाते हैं बांझ, 3 पॉइंट्स में समझें

वैज्ञानिक मादा मच्छरों को इनफर्टाइल यानी बांझ बाने के लिए CRISPR जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तकनीक की मदद से उस जीन में बदलाव किया जा सकता है, जिसे वैज्ञानिक बदलना चाहते हैं।

मलेरिया के मामले में मादा मच्छर में मौजूद डबलसेक्स जीन में बदलाव किया गया है ताकि ये प्रजनन लायक न बचें। प्रयोग के दौरान पाया गया 560 दिनों के अंदर मच्छरों की संख्या में कमी आई।

वैज्ञानिकों का कहना है, मच्छरदानी, कीटनाशक और वैक्सीन के साथ जीन एडिटिंग मलेरिया को खत्म करने की फास्ट तकनीक है। यह बड़ा बदलाव ला सकती है।

3500 से ज्यादा प्रजातियों में कुछ ही मच्छर मलेरिया फैलाते हैं

वैज्ञानिकों का कहना है, दुनियाभर में 3500 से ज्यादा मच्छरों की प्रजातियां हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही मलेरिया फैलाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में 2019 में मलेरिया के करीब 23 करोड़ मामले सामने आए। 4 लाख से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा। इन मौतों में सबसे ज्यादा 5 साल से कम उम्र वाले बच्चे शामिल थे। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि कोविड के कारण 2020 में मौतों का आंकड़ा दोगुना हो सकता है।

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