तमिलनाडु सरकार ने विधानसभा में कहा कि एक आधिकारिक समिति ने योग्यता परीक्षा (12वीं) में प्राप्त अंकों के आधार पर मेडिकल जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिले के लिए राज्य द्वारा एक कानून बनाने का सुझाव दिया है। सरकार ने कहा कि सदन में पारित होने के बाद प्रस्तावित विधेयक के लिए राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त की जानी चाहिए, जिससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और यह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को समाप्त करने की आवश्यकता का भी संकेत देता है।
अपने विभाग के लिये विधानसभा में नीतिगत नोट (2021-22) रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन ने कहा कि इस पहल से सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और कमजोर वर्ग से आने वाले छात्र समुदाय को मेडिकल एजुकेशन कोर्सेज में दाखिले में भेदभाव से बचाएगी।
नोट में कहा गया, “सचिवों की समिति ने तमिलनाडु अधिनियम संख्या 3/2007 की तरह एक अधिनियम को लागू करने का सुझाव दिया है, जो चिकित्सा शिक्षा में नीट को खत्म करने की आवश्यकता को दर्शाता है और इसके लिये राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करता है।” इसमें कहा गया है कि यह सामाजिक न्याय सुरक्षित करेगा।
तमिलनाडु का 2007 का कानून क्वालिफाई एग्जाम में प्राप्त अंकों के आधार पर इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल और अन्य संबद्ध कोर्सेज में प्रवेश दिलाता है और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है।