जनहित याचिका में कहा गया है कि 24 दिनों से लगातार पूर्ण रूप से इंटरनेट शट डाउन का असर अर्थ व्यवस्था, मानवीय और सामाजिक आवश्यकता और नागरिकों और याचिकाकर्ताओं और उनके परिजनों की मानसिक अवस्था पर भी पड़ रहा है.

मणिपुर में लगातार इंटरनेट बंद किए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया है. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने भी मामले को सीज किया है और सुनवाई हो रही है. हम कार्रवाई पर समानांतर कार्रवाई नहीं चाहते.

याचिका में कहा गया है कि 24 दिनों से लगातार पूर्ण रूप से इंटरनेट शट डाउन का असर अर्थ व्यवस्था, मानवीय और सामाजिक आवश्यकता और नागरिकों और याचिकाकर्ताओं और उनके परिजनों की मानसिक अवस्था पर भी पड़ रहा है.  ये कदम न केवल मनमाना है, बल्कि नागरिक अधिकारों का भी हनन है, क्योंकि बच्चों को स्कूल भेजने, बैंकों में अपने खाते की स्थिति का पता लगाने, ग्राहकों से भुगतान का लेनदेन, वेतन देने या फिर ईमेल या मैसेज भेजने तक में रुकावट आ गई है. नागरिकों पर दोहरी मार है. सरकार अव्वल तो स्थिति में सुधार नहीं कर पा रही ऊपर से इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.

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