भास्कर न्यूज | पाटन अनियमितता के आरोप में बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद पतोरा सरपंच अंजिता साहू ने शनिवार को पाटन में पत्रवार्ता ली। अंजिता ने कहा कि प्रशासन ने उस पर बिना अनुमति के जर्जर भवन को तोड़ने और उसकी राशि का रिकार्ड दुरुस्त नहीं करने का आरोप लगाया है। दोनों ही कारणों को अदालत ने खारिज कर दिया। इससे साबित होता है कि पूरा प्रकरण राजनीति प्रेरित था। उन्होंने कहा कि 1984 में बना स्कूल भवन जर्जर हो चुका था। शाला विकास समिति ने गंभीर दुर्घटना की आशंका से इसे तोड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने भी परिस्थिति जन्य सहमति दी थी। अफसरों को मौखिक जानकारी देकर जर्जर भवन का मुआयना भी कराया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अंत में स्कूल प्रबंधन की बैठक के निर्णय अनुसार भवन को तोड़कर जो पैसे मिले, उसे स्कूल प्रबंधन समिति ने शाला विकास फंड में जमा कर लिया। लेकिन सारा आरोप उन पर लगाकर बर्खास्त करा दिया गया। गांव के भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक द्वेष के कारण निराधार शिकायत की थी। स्थानीय प्रशासन राजनीतिक दबाव के कारण मात्र 2 दिनों में कार्यवाहक सरपंच बनाने का आदेश जारी कर दिया। जबकि ग्राम पंचायत में 2 पंच का पद 1 साल से रिक्त है।