शिवसेना सांसद संजय राउत को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हिरासत में लिया गया है। ईडी ने 9 घंटे तक उनके घर पर छापेमारी के बाद राउत को कस्टडी में लिया।

मुंबई: पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 घंटे तक छापेमारी के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत को ईडी ने हिरासत में ले लिया है। राउत के घर पर सुबह 7 बजे से छापेमारी चल रही थी। इस बीच उनके वकील भी वहां पहुंचे। जांच पड़ताल के बाद ही ईडी ने उन्हें अंदर जाने दिया। ईडी ने संजय राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप भी लगाया। इससे पहले, ईडी ने राउत के खिलाफ कई समन जारी किए थे, उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था लेकिन मौजूदा संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए वह पेश नहीं हुए।

राउत को मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास और उनकी पत्नी व अन्य सहयोगियों की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था। राउत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए एक जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो बार तलब किया था, लेकिन मौजूद संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए।
सुबह 7 बजे से छापेमारीईडी के अधिकारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कर्मियों के साथ रविवार सुबह सात बजे राउत के भांडुप उपनगर स्थित आवास ‘मैत्री’ पहुंचे और छापेमारी शुरू की। इस बीच, राज्यसभा सदस्य राउत ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने ईडी की कार्रवाई के कुछ ही देर बाद ट्वीट किया था, ‘मैं दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है।’ उन्होंने लिखा, ‘मैं मर जाऊंगा, लेकिन शिवसेना का साथ नहीं छोडूंगा।’ईडी की छापेमारी के दौरान राउत के आवास के बाहर बड़ी संख्या में शिवसेना के समर्थक एकत्र हो गए और एजेंसी की कार्रवाई का विरोध किया। समर्थकों ने हाथों में भगवा रंग के झंडे और बैनर लेकर एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी की। राउत ने घर की खिड़की से समर्थकों की ओर हाथ हिलाया।

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