जिले में पहली बार रबी सीजन में लगाई जा रही रागी की फसल

मिलेट्स (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार एंव बाजरा) के पोषक मान लाभकारी गुणो एंव खाद्य सुरक्षा को दृष्टिगत करते हुए जनमानस में जागरुकता लाकर दैनिक आहार में शामिल करते हुए उत्पादन, उत्पादकता एंव विपणन को प्रोत्साहित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 (IYOM) घोषित किया गया है, जिसके तहत राज्य शासन द्वारा मिलेट फसल जैसे कोदो, कुटकी एंव रागी के फसल के क्षेत्र का विस्तार करने जोर दिया जा रहा है। जिले में पहली बार रबी सीजन में रागी फसल वृहद क्षेत्र में लगाई जा रही है, जिले में लगभग 823 हेक्टेयर में किसान रागी को ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में लगा रहें है जिसमें विकास खण्ड सक्ती में 206 हे. विकासखण्ड मालखरौदा में 205 हे विकास खण्ड उभरा में 206 हे तथा विकास खण्ड जैजैपुर में 206 हेक्टेयर में रागी की खेती की जा रही है। प्रदेश में रागी के फसल को बढ़ावा देने के लिये कृषि विभाग द्वारा विकासखण्डवार लक्ष्य अनुसार प्रति हेक्टेयर 6000 रु. अनुदान भी दिया जा रहा है।

उप संचालक कृषि श्री शशांक शिन्दे ने बताया कि जंहा धान की फसल में 13000  रु. प्रति एकड़ लागत तथा गेंहू की फसल में 11000 रु. प्रति एकड़ लागत आती है। इसके विपरीत रागी की खेती में 9000  रु. प्रति एकड़ लागत आती है। जबकि धान एव गेंहू में प्रति एकड़ आय 15000 है लेकिन रागी की खेती में शुध्द आय 19624  रु. प्रति एकड़ होती है साथ ही ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में 75 प्रतिशत पानी की बचत होता है, खाद व कीटनाशक आदि की आवश्यकता भी कम मात्रा में होती है। प्रदेश में मिलेट फसलों के क्षेत्र विस्तार एंव उत्पादन की संभावना को ध्यान में रखकर प्रदेश में मिलेट मिशन चलाया जा रहा है, जिसके तहत इन फसलों का क्षेत्र बढ़ाने, उत्पादन बढ़ानें बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने, एंव सवंर्धित उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मिलेट्स के फायदे – 

मिलेट्स के पोषक मूल्य उच्च होते है जिसमें कैल्सियम, आयरन, एमिनो एसिड्स प्रोटीन, फास्फोरस आदि प्रचलित आहार चावल से अधिक होते है। रागी में प्रोटीन 73 प्रतिशत, 12.5 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 70.4 प्रतिशत एंव मिनरल 2.7 प्रतिशत तक पाया जाता है। इस तरह यह स्वास्थ्य शरीर के लिये आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है तथा कुपोषण का दूर करने में सहायक है। मिलेट्स को दैनिक आहार में शामिल करने से मिलेट्स के फाईबर उदर विकार, उच्च रक्तचाप तथा आंतो के कैंसर से शरीर की रक्षा करता है। मिलेट्स के फायदेमंद गुणो को बताने कृषि विभाग द्वारा व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मैदानी अधिकारियों द्वारा उच्च एंव उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों / महाविद्यालयों में छात्रो को सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को मिलेट्स आधारित व्याख्यान दिया जा रहा है।

फसल में कीट और बीमारी भी नहीं के बराबर लगते हैं उत्पादन में नही होती है ज्यादा परेशानी –
उप संचालक कृषि जिला सक्ती के द्वारा बताया गया कि रागी फसल में कीट-बिमारी भी नहीं के बराबर लगती है, जिससे फसल उत्पादन में कोई परेशानी नहीं है। रागी फसल के रकबा को बढ़ानें शासन स्तर पर भी जोर दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरुप विभागीय योजनांतर्गत क्षेत्रवार प्रदर्शनी लगाई जा रही है। वहीं कृषि विभाग सक्ती के अधिकारियों द्वारा भी कृषकों का बैठक लेकर रागी फसल के खेती के बारे में विस्तृत जानकारी देकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज निगम जांजगीर चांपा में जिला सक्ती के ऐसे कृषक जिनका बीज प्रमाणित तथा प्रमाणित – 1 है ऐसे किसान पंजीयन करवा सकते है। कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विभाग कड़ी मेहनत कर रहा है एंव राज्य स्तर पर भी रागी फसल को बढ़ावा देने हेतु कांकेर जिले में मिलेट प्लांट की स्थापना की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *