छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य को लेकर कांग्रेस-भाजपा के बीच सियासी हमला जारी है। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हितों की बलि चढ़ाने का काम भूपेश बघेल सरकार कर रही है।

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य को लेकर कांग्रेस-भाजपा के बीच जबर्दस्त सियासी हमला जारी है। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हितों की बलि चढ़ाने का काम भूपेश बघेल सरकार कर रही है। प्रदेश सरकार ने इन खदानों को देने के लिए लेमरू प्रोजेक्ट व तमोर पिंगला का एरिया कम किया, क्योंकि उसे कम करने से ही यह खदानें दी जा सकती थी और पेड़ काटे जा सकते थे। अगर भूपेश बघेल सरकार चाहती तो इसको रोक सकती थी। पर्यावरण की स्वीकृति रोक सकती थी। जब इनके बड़े भाई राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा और कांग्रेस प्रमुख ने भूपेश को पत्र लिखा तो 3 सालों से रुका काम पिछले 3 महीने में अनुमति देकर शुरू कर दिया गया।

बृजमोहन ने कहा कि सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव गोली चलेगी तो पहली गोली मैं खाऊंगा कहते हैं। मंत्रीजी गोली खाने की जरूरत नहीं है। अगर आप में इतना दम है तो मंत्री पद से इस्तीफा देकर मैदान में आकर लड़ो। आदिवासियों के आंदोलन का नेतृत्व करो। बृजमोहन ने कहा कि भाजपा का प्रतिनिधिमंडल हसदेव अरण्य चला गया और उनको अपनी जमीन खिसकती हुई लगी तब वो वहां पर गए हैं। भाजपा मांग करती है कि वहां पेड़ों की कटाई बंद की जाए। छत्तीसगढ़ में ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां पर जंगलों की कम कटाई होगी। कम रहवासी क्षेत्र प्रभावित होंगे। हाथी और मानवद्वंद्व को कम किया जा सकता है। ऐसे इलाके में कोल ब्लॉक की अनुमति दी जाए।

कोल ब्लॉक के लिए दूसरी जगह दिया जाना चाहिए
विधायक बृजमोहन ने कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि बिजली व कोयले की आवश्यकता नहीं है। 55 हजार मीट्रिक टन कोयले में से 5 हजार मीट्रिक टन कोयले के लिए तीन-चार खदानें की एनओसी दी गई है। हसदेव अरण्य क्षेत्र को परिवर्तित करके इस काम को किया जा सकता है। आखिर क्यों इतने घने जंगलों को काटने की अनुमति दी जा रही है। हसदेव अरण्य मध्य भारत का सबसे बड़ा जंगल हैं। मुख्यमंत्री बात करते हैं कि तीन गुना झाड़ लगाए जाएंगे। हसदेव के झाड़ 50 से 200 साल पुराने हैं। सरई और साल के जंगल प्राकृतिक होते हैं। उन्हें लगाया नहीं जा सकता।

छत्तीसगढ़ के हितों की बलि चढ़ा रहे सीएम बघेल 
बृजमोहन ने कहा कि सीएम भूपेश बताएं क्या ऐसा जंगल पुन: निर्मित हो सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने क्या इसका सर्वे किया है कि कटाई के बाद जो झाड़ लगाए जाने हैं, वह कहां लगाए जाएंगे। झाड़ कितने दिनों में तैयार होंगे। इस इलाके में अभी तक जितनी खुदाई हुई है, उसके एवज में कितने पेड़ लगे हैं। अगर पेड़ नहीं लगे हैं तो सरकार ने क्या कार्रवाई की है। बृजमोहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हितों की बलि चढ़ाने का काम भूपेश बघेल सरकार कर रही है। भूपेश बघेल कर रहे हैं। सीएम अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। प्रदेश सरकार जनता को गुमराह करना बंद करें। भाजपा कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूर्व मंत्री केदार कश्यप भी मौजूद रहे।

केंद्र के सामने BJP को विरोध करना चाहिए: भूपेश
भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को अगर मालूम है कि इतना विरोध हो रहा है तो भारत सरकार से वह मांग करें। कोल आबंटन निरस्त करवा दें। न रहे बांस और न बजेगी बांसुरी। उन्होंने कहा कि खदान आबंटन का काम केंद्र सरकार का है। भाजपा को केंद्र सरकार के समक्ष विरोध करना चाहिए। कोल ब्लॉक आवंटन केंद्र सरकार ने किया। पर्यावरण अधिनियम और वन अधिनियम केंद्र सरकार का लागू होता है। सभी अधिकार और नियम केंद्र के पास है। खदान अलाट करने का अधिकार और अनुमति देने का अधिकार भी केंद्र के पास है। जितने लोग आंदोलन कर रहे हैं, वह केंद्र सरकार के पास क्यों विरोध नहीं करते। दिल्ली में केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएं और कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करवा दें।

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