जेल से बाहर आने के बाद गुजरात कांग्रेस नेता व विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पीएमओ पर सनसनीखेज आरोप लगाए। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले असम पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी सुनियोजित साजिश थी। उन्हें बर्बाद करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह साजिश रची थी। मेवाणी यहीं नहीं रुके, उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए आगे कहा, मेरी गिरफ्तारी 56 इंच के सीने वाले द्वारा की गई कायरतापूर्ण कार्रवाई है। इस कार्रवाई ने गुजरात के गौरव को कमजोर किया है।

जिग्नेश मेवाणी ने घोषणा की कि वह सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने एक जून को गुजरात बंद का एलान किया। मेवाणी ने कहा 22 परीक्षाओं के पेपर लीक करने वालों, मुंद्रा बंदरगाह पर 1.75 लाख करोड़ के नशीले पदार्थ और उना में दलितों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो वह एक जून को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

मेवाणी ने कहा, असम पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी नियमों के विरुद्ध थी। यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी। यह एक विधायक के लिए प्रोटोकॉल और नियमों की घोर अवहेलना थी। उन्होंने कहा, मुझे 2500 किलोमीटर दूर गिरफ्तार करके लाया गया, जबकि गुजरात विधानसभा अध्यक्ष को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। आरोप लगाया कि, उन्होंने मेरा लैपटॉप, कम्प्यूटर, फोन सबकुछ जब्त कर लिया। उन्हें डर है कि इसमें उन्होंने जासूसी वाला सॉफ्टवेयर तो नहीं डाल दिया।

असम की अदालत ने दी थी जमानत
इससे पहले असम के बारपेटा की अदालत ने गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को जमानत देते हुए कहा कि पुलिस ने विधायक को फंसाने के लिए झूठा और मनगढ़ंत केस बनाया था। इतने संघर्ष से हासिल लोकतंत्र को पुलिस राज्य में बदलने की सोच भी अकल्पनीय है। कोर्ट ने शुक्रवार को महिला कांस्टेबल पर कथित हमले के मामले में जमानत देते हुए कहा, पुलिस लोगों को फंसाने में अव्वल होती जा रही है, हाईकोर्ट को पुलिस की कार्यप्रणाली को संज्ञान में लेना चाहिए। बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने राज्य में चल रही पुलिस ज्यादतियों का हवाला देते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट से पुलिस बल को खुद में सुधार करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

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