कई लोग ऐसे रिश्ते में उलझे होते हैं जहां उन्हें खुशी या सुकून से ज्यादा परेशानी मिलती है। सिर्फ एक व्यक्ति ही प्रयास कर रहा होता है और दूसरा केवल जरूरत पड़ने पर ही याद करे तो यह गलत है।

कई लोग ऐसे रिश्ते में उलझे होते हैं जहां उन्हें खुशी या सुकून से ज्यादा परेशानी और इग्नोरेंस मिलती है। दिल टूटने या उस इंसान से दूर हो जाने के ख्याल से आप इन बातों पर गौर नहीं करते लेकिन ऐसा करना गलत होता है। कई बार ऐसा होता है कि कोई रिलेशनशिप सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से टिका हुआ होता है और वही रिश्ते को चला भी रहा होता है। यहां पर सवाल यह उठता है कि जब दूसरे इंसान को दिलचस्पी ही नहीं, तो वो क्यों इस रिश्ते में टिका है? इसका जवाब सुनकर दिल जरूर टूट सकता है लेकिन कई मामलों में ऐसा ही होता है कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वो रिलेशनशिप को बनाए रखता है। ऐसे में सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि वो सिर्फ अपनी जरूरत या अपने काम निकालने के लिए आपका साथ दे रहा होता है। आप भी अपने रिश्ते में ऐसा महसूस कर रहे हैं तो इन संकेतों से कंफर्म कर सकते हैं कि आपका पार्टनर आपका इस्तेमाल कर रहा है…

हमेशा कोई एक ही भरे बिल
अगर आप और आपका पार्टनर शॉपिंग या कहीं घूमने जा रहे हैं और हर बार कोई एक ही खर्च करतेा है तो समझ लीजिए कि आपका साथी आर्थिक सुविधाओं का फायदा उठा रहा है। ये बात सिर्फ लड़को के लिए ही नहीं बल्कि लड़कियों पर भी लागू होती है।

हमेशा रहें व्यस्त और काम के समय करे फोन
अगर आपका पार्टनर हमेशा व्यस्त रहता है और सिर्फ अपना कोई काम पड़ने पर आपको याद करे तो समझ जाएं कि वह सिर्फ आपका इस्तेमाल कर रहा है। पूरा दिन या फिर कई दिन निकल जाने के बाद भी वह आपके बारे में ना पूछे और हर बार आप ही बात शुरू करते हैं तो आपको इस रिश्ते के बारे में फिर से सोचना चाहिए।

फ्यूचर के बारे में कभी दिलचस्पी ना लेना
जब भी आप अपने फ्यूचर को लेकर बातचीत करना चाहें और पार्टनर ऐसी बातें करने में कभी भी दिलचस्पी न दिखाए तो ये भी एक संकेत है कि वो आपको लेकर गंभीर नहीं है और केवल आपका इस्तेमाल करना चाहता है।

फीलिंग्स ना समझना
रिलेशनशिप का मतलब सिर्फ घूमना-फिरना या शॉपिंग नहीं होता बल्कि एक दूसरे के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ना भी होता है। अगर वो आपकी भावनाओं को नहीं समझता और जब आपको उनकी सबसे ज्यादा जरूरत हो लेकिन वो कभी आपको एहमियत ना दे तो आपको संभल जाना चाहिए। ये उनकी फिक्र नहीं बल्कि जब मन करे बात करने जैसा हाल है।

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