16 जून 2021 में करनाला नगरी सहकारी बैंक घोटाले के मामले में ईडी ने बैंक के चेयरमैन विवेकानंद शंकर पाटिल को गिरफ्तार किया था। यह मामला 512.54 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है। पाटिल पीडब्ल्यूपी के पूर्व विधायक हैं। पूर्व विधायक को धन शोधन निवारण अधिनियम (मनी लांड्रिंग रोधी कानून) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह मामला नवी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा पिछले साल फरवरी में पूर्व विधायक और लगभग 75 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। इसमें करनाला नगरी सहकारी बैंक में 512.54 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप था। पुलिस ने पूर्व में पनवेल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष पाटिल के अलावा उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कई अन्य लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया था, जिन्होंने संस्था से ऋण लिया था। यह धोखाधड़ी का मामला उसी आधार पर दायर किया गया था।
अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के करनाला नागरी सहकारी बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं होने की वजह से केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया। यह सहकारी बैंक अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा कि करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस नौ अगस्त 2021 के आदेश के तहत रद्द किया गया है और यदि बैंक को आगे अपना कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई, तो इससे जनहित पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
क्या जमाकर्ताओं को वापस मिलेगी राशि?
लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते समय आरबीआई ने कहा कि बैंक द्वारा जमा कराए गए ब्योरे के मुताबिक, 95 फीसदी जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) के तहत अपनी पूरी राशि वापस मिलेगी।