छत्तीसगढ़ के धमतरी में रावण दहन से जुड़ा एक अजब-गजब मामला सामने आया है। दशहरा उत्सव के दौरान ऐसा तमाशा हुआ कि देखने वालों की हंसी भी छूटी और मायूसी भी हुई। आयुक्त ने क्लर्क को सस्पेंड कर दिया है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में रावण दहन से जुड़ा एक अजब-गजब मामला सामने आया है। दशहरा उत्सव के दौरान ऐसा तमाशा हुआ कि देखने वालों की हंसी भी छूटी और मायूसी भी झेलने पड़ी। गौशाला मैदान में नगर निगम प्रशासन ने 30 फीट ऊंचे पुतले का निर्माण कराया था। रामलीला मंचन के बाद रावण के पुतला को दहन किया गया। रावण का पुतला तो जल गया, लेकिन सिर एक भी नहीं जले। निगम प्रशासन इसे छवि धूमिल होना बताते हुए एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है। निगम आयुक्त ने एक कर्मचारी को निलंबित करते हुए 4 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
धमतरी नगर निगम द्वारा गौशाला मैदान में दशहरा उत्सव का आयोजन किया गया था। रावण का पुतला तैयार किया गया था। रावण का पुतला जल गया, लेकिन सभी सिर बच गए। अब इसे लेकर निगम की जमकर किरकिरी हो गई। सोशल मीडिया में लोग लगातार कमेंट कर रहे हैं। इसे संज्ञान में लेकर आयुक्त ने निलंबन की कार्रवाई कर दी है। आयुक्त द्वारा जारी नोटिस में लिखा गया है कि रावण का पुतला तैयार कराने में बड़ी लापरवाही बरती गई है, जिससे नगर निगम की छवि धूमिल हुई है। रावण का सिर नहीं जलने पर राजेंद्र यादव को निलंबित कर दिया गया है। वहीं 4 अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निगम के प्रभारी आयुक्त और ईई राजेश पद्मवार ने कहा कि रावण बनाने वाले को एक भी रुपये नहीं दिए जाएंगे।
सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा आदेश
गौशाला मैदान में दशहरा उत्सव के दौरान रावण के पुतले का पूरा शरीर जल गया था, लेकिन 10 सिर नहीं जल पाए थे। कार्यक्रम के बाद जब अतिथियों और आम जनता ठहाके लगाने लगे। इसके बाद 10 सिरों को नीचे उतारा गया और उन्हें एक जगह रखकर जलाया गया। रावण का सिर नहीं जलने से लोग मायूस हुए, लेकिन दूसरे दिन सोशल मीडिया में कमेंट्स का दौर शुरू हो गया, जिसके बाद महापौर ने इसे लेकर अफसरों पर नाराजगी जताई। आयुक्त ने निगम के सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी राजेंद्र यादव को सस्पेंड कर सामर्थ रणसिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। आयुक्त का यह आदेश अब खूब चर्चा में है।