Rashtrapati Chunav: ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी सहित 22 विपक्षी नेताओं को एक पत्र भेजा है. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में 4,809 सदस्य-सांसद और विधायक मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे.

नई दिल्ली. अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों के बीच गहमागहमी तेज़ हो गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस चुनाव के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी दलों की एक मीटिंग बुलाई है. लेकिन इस बैठक में शिवसेना के सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल नहीं होंगे. इस बात की जानकारी रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने दी. राउत के मुताबिक ठाकरे इस बैठक के दिन अयोध्या में रहेंगे.

संजय राउत ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे को दिल्ली में 15 जून की बैठक का निमंत्रण मिला है. हम लोग उस समय अयोध्या में होंगे, हमारी पार्टी के एक प्रमुख नेता बैठक में भाग लेंगे.’ बता दें कि निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा. इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य-सांसद और विधायक मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे.

येचुरी भी ममता के खिलाफ!

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को कहा कि एकजुट विपक्ष को राष्ट्रपति चुनाव से पहले जमा करने का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ‘एकतरफा’ प्रयास नुकसान ही पहुंचाएगा. येचुरी ने कहा कि 15 जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सहित विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक का दिन पहले ही तय किया जा चुका है.

ममता की चिट्ठी

बता दें कि बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी सहित 22 विपक्षी नेताओं को एक पत्र भेजा है. बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने एक बयान में कहा, ‘हमारी माननीय अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सभी प्रगतिशील विपक्षी ताकतों से राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर 15 जून को अपराह्न तीन बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, नयी दिल्ली में बैठक करने और भविष्य के कदमों पर विचार करने का आह्वान किया है.’

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