छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित पर्यटन का केंद्र वन चेतना केन्द्र मनगटा के जंगल में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। लगभग 387.500 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस प्राकृतिक जंगल में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के साथ ही वन्य जीवों का बेहतरीन संरक्षण किया गया है। हरियाली, पर्यावरण, जैव-विविधता और वन्यप्राणियों से भरपूर राजनांदगांव जिले के मूल्यवान धरोहर मनगटा के जंगल में चीतल, हिरण का प्राकृतिक अधिवास है। प्राकृतिक छटा से भरपूर इस अद्भुत स्थल में जंगली सुअर, हिरण ,अजगर एवं मयूर पक्षी और अन्य जीव-जन्तु भी यहां पाए जाते हैं। वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। इस धरोहर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से पर्यावरण का संरक्षण करने के साथ ही क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिला है। मनगटा और आसपास के गांवों जैसे झूराडबरी, बघेरा, परसबोड़, बिहावबोड़, मुढ़ीपार और भेंदरवानी के ग्रामीणों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के व्यापक अवसर मिले हैं। मनगटा वन चेतना केन्द्र सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास की एक अनोखी मिसाल है। इस क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेकों कार्य शासन प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। विकसित क्षेत्रों में लगभग 100 से ज्यादा होटल रेस्टोरेंट कार्टेज बन चुके हैं, जहां पर सैलानियों के लिए रात्रि विश्राम के लिए सर्वोत्तम व्यवस्था बना हुआ है। दूर-दूर से सैलानी प्राकृतिक वादियों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। यह राजनांदगांव का सबसे बड़ा पिकनिक स्पॉट बन चुका है।