छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव पुलिस भर्ती में गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी है। सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह फैसला लिया है। दरअसल, इससे जुड़े एक आरक्षक ने सुसाइड कर लिया था। एक अभ्यर्थी, 4 कॉन्‍स्‍टेबल समेत अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, जांच के लिए SIT टीम भी बनाई गई है, जो 10 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट देगी। इस मुद्दों को कांग्रेस ने उठाया था। जिसके बाद सरकार ने एक्शन लिया है। नवंबर से शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया राजनांदगांव जिले में 16 नवंबर 2024 से पुलिस भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान नंबरों में गड़बड़ी की गई। पुलिस ने लालबाग थाने में भर्ती प्रक्रिया के 1 महीने बाद 16 दिसंबर 2024 को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। आरक्षक के सुसाइड के बाद हुआ खुलासा इस मामले से जुड़े आरक्षक अनिल रत्नाकर ने 21 दिसंबर को लालबाग थाना इलाके के रामपुर रोड से 1 किलोमीटर अंदर पेड़ पर फांसी लगा ली थी। आरक्षक का नाम अनिल रत्नाकर (25 साल) था। वो खैरागढ़ पुलिस में पदस्थ था और फिजिकल टेस्ट प्रक्रिया की निगरानी में शामिल था। अनिल सरायपाली बसना का रहने वाला था और उस पर भी भर्ती में लेन-देन के आरोप थे। हथेली पर लिखा सुसाइड नोट आरक्षक अनिल रत्नाकर ने हथेली पर सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘आरक्षक भर्ती में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है, अधिकारी को बचाया जा रहा है। इसमें सभी इन्वॉल्व हैं।’ मामले में 7 लोग अरेस्ट, जांच के लिए बनी SIT इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें कवर्धा के पंडरिया ब्लॉक निवासी अभ्यर्थी मीना पात्रे भी शामिल है। वहीं, 4 कॉन्‍स्‍टेबल परिधि निषाद, पवन कुमार साहू, योगेश कुमार धुर्वे, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी हैं, जिन्‍हें अरेस्‍ट किया है। वहीं, जांच के लिए आईजी राजनांदगांव दीपक कुमार झा ने SIT का गठन किया है। इसके साथ ही निष्‍पक्ष जांच कर 10 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी भर्ती की जिम्मेदारी, भूमिका संदिग्ध बता दें कि, राजनांदगांव में संभाग स्तर पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया का फर्स्ट फेज यानी फिजिकल फिटनेस 16 दिसंबर से चल रही थी। भर्ती प्रक्रिया के लिए बाहर से टेक्निकल टीम बुलाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी। साथ ही अलग-अलग इवेंट के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। इस दौरान एएसपी, डीएसपी लेवल के अधिकारियों ने बूथ चेकिंग के लिए पहुंचे। जिसमें बड़े स्तर पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया। जिसके बाद एसपी ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में टेक्निकल कर्मचारियों के साथ-साथ लगभग 10 से 12 पुलिस आरक्षकों को भी शक के दायरे में रखा गया है। साथ ही कंपनी की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई दे रही है। ……………………………….. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… आरक्षक सुसाइड केस…परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल: पुलिस भर्ती में एक ही कंपनी को ठेका; गड़बड़ी में सत्ता पक्ष से जुड़े शख्स का नाम उछला​ राजनांदगांव में 528 पोस्ट पर पुलिस भर्ती गड़बड़ी केस में नाम उछलने के बाद आरक्षक अनिल रत्नाकर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गड़बड़ी केस में 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, जिसमें 4 आरक्षक और इवेंट कंपनी के 2 कर्मचारी शामिल हैं। वहीं 14 कर्मचारियों पर गड़बड़ी का अंदेशा है। पढ़ें पूरी खबर…

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