गुवाहाटी : असम की हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) सरकार ने नेशनल पार्क से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का नाम हटाने का फैसला लिया है। कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में बुधवार को इसको लेकर फैसला लिया गया, जिसके बाद अब इसे ओरांग नेशनल पार्क (Orang National Park) के नाम से जाना जाएगा।
असम सरकार के जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका (Pijush Hazarika) ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आदिवासियों और चाय जनजाति समुदायओं की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरांग नेशनल पार्क रखने का फैसला लिया है।
79.28 वर्ग किमी के दायरे में फैले इस पार्क को 1985 में वाइल्डलाइफ सेंचुरी और 1999 में नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया था। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित इस पार्क को रॉयल बंगाल टाइगर, इंडियन राइनो, पिग्मी हॉग और जंगली हाथियों के लिए जाना जाता है।
असम सरकार ने ये फैसले लिए
इसके अलावा कैबिनेट ने कोविड-19 से जुड़े खर्चों के लिए 660 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। कैबिनेट में ‘प्रार्थना योजना’ के तहत कोरोना से जान गंवाने वाले 6,500 से ज्यादा लोगों के परिजनों को एकमुश्त 1 लाख रुपये देने का फैसला भी लिया गया है। ये रकम 2 अक्टूबर को सौंपी जाएगी।
इसके साथ ही कैबिनेट ने अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सर जमुना बोरो और अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाज चैंपियन संजय बोरो को एक्साइज इंस्पेक्टर नियुक्त करने का फैसला भी लिया है। इन्हें असम के पहले अर्जुन अवॉर्डी भोगेश्वर बरुआ के जन्मदिन पर 3 सितंबर को अपॉइंटमेंट लेटर सौंपा जाएगा।
पहली बार असम कैबिनेट की बैठक कोइनाधारा में बने गेस्ट हाउस में हुई। ये पहले पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का आधिकारिक निवास हुआ करता था।