छत्तीसगढ़ में राजिम कुंभ कल्प का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहा है। इस बार राजिम कुंभ महोत्सव का मेला स्थल बदला जाएगा। जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार मेला स्थल अब संगम स्थल में नहीं, बल्कि वहां से 750 मीटर दूर लक्ष्मण झूला और चौबे बांधा के बीच लगेगा। लक्ष्मण झूला और चौबे बांधा के बीच अस्थाई सड़क (रेत–मुरूम) जिला प्रशासन बनाएगा। इसके अलावा यात्रियों के लिए गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी। गरियाबंद जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस जगह लगेगा मेला पहले यहां लगता था मेला सीएम से स्वीकृति मिलने के बाद जगह बदली गई विभागीय अधिकारियों के अनुसार, राजिम कुंभ की तैयारियों को लेकर पिछले दिनों सीएम साय ने बैठक ली थी। बैठक के दौरान नए स्थल का प्रपोजल सीएम साय को दिखाया गया। सीएम साय ने भीड़ और व्यवस्थाओं को देखकर नई जगह पर सहमति दी। बैठक में सीएम ने राजिम कुंभ कल्प के आयोजन में शामिल सभी विभागों और प्रशासनिक अमले को आपस में समन्वय बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रद्धालुओं के आने-जाने की व्यवस्था, सुरक्षा संबंधी उपाय और स्वच्छता के लिए विशेष ध्यान देने को कहा। भूपेश सरकार में जगह हुई थी निर्धारित लक्ष्मण झूला और चौबे बांधा के बीच मेला लगाने के लिए जगह निर्धारित हुई है। इसकी मार्किंग भूपेश सरकार के कार्यकाल के दौरान 2021 में हुआ था। 2021 में यहां पर मेला लगाने का निर्देश भी जारी किया गया था, लेकिन तैयारियां पूरी नहीं हो पाने की वजह से इसको टाल दिया गया। इतिहासकार रामेंद्र मिश्रा कहते हैं कि, नाम तो बदला लेकिन राजिम कुंभ की आस्था कम नहीं हुई। हालांकि कुंभ के दौरान यातायात व्यवस्था पूरी बदहाल हो जाती है। मंदिर पहुंचने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब मेला स्थल बदल रहा है, तो स्थिति प्रशासनिक अधिकारियों के नियंत्रण में रहेगी। कुंभ में कई धर्मगुरु, साधू-संत और कथावाचक होंगे शामिल कुंभ में महामंडलेश्वर, अखाड़ों के धर्मगुरु, कथावाचक और दूसरे देशों के संत शामिल होंगे। धर्मगुरुओं के अलावा काशी, मथुरा, बनारस, अयोध्या,अमरकंटक और चित्रकूट से बड़ी संख्या में साधु-संत भी पहुंच सकते हैं। कुंभ में एक दर्जन से ज्यादा अखाड़ों के अलावा शाही जुलूस, साधू-संतों के दरबार, झाकियों, नागा साधुओं और धर्मगुरुओं की मौजूदगी रहेगी। मंदिर के चारों ओर बनेगा परिक्रमा पथ कुंभ और उससे जुडी कहानियां श्रद्धालुओं और अतिथियों को पता चल सकें, इसलिए राजिम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया गया है। मेले को पर्यटन की तर्ज पर बढ़ावा मिल सके, इसलिए दूसरे राज्यों के कारोबारियों को अपना सामान बेचने के लिए दुकान मेले परिसर में दी जाएगी। पर्यटन मंडल के अधिकारियों के अनुसार कुंभ में मुख्य मंच के अलावा एक दर्जन से ज्यादा डोम बनाए जाएंगे। इसके साथ ही अलग-अलग मंच का निर्माण किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, प्रदर्शनी लगेगी कुंभ स्थल पर भजन गायकों और स्थानीय कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अलग से मंच बनाया गया है। इसमें सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम होंगे। इस आयोजन में अंतरराष्ट्रीय भजन गायकों को भी लिए बुलाया जाएगा। इसके साथ अलग-अलग प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। सेक्टरों में बांटा जाएगा मेला स्थल विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मेला स्थल को सेक्टरों में बांटा जाएगा। मेले में वीवीआईपी गेस्ट, वीआईपी गेस्ट, साधू-संतों, श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों के रुकने के लिए सेक्टर बनाए जाएंगे। इन सेक्टरों में शौचालय, नहाने और भोजन की अलग-अलग व्यवस्था होगी। ………………………….. राजिम कुंभ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… माघी पुन्नी मेला अब हुआ राजिम कुंभ:साय सरकार ने बदला नाम, 24 फरवरी से 8 मार्च तक आयोजन; पं. प्रदीप मिश्रा-धीरेंद्र शास्त्री भी आएंगे राजिम माघी पुन्नी मेला अब राजिम कुंभ (कल्प) के नाम से जाना जाएगा। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने नाम बदल दिया है। कैबिनेट में इसका फैसला लिया गया। साय सरकार के मंत्रियों की कैबिनेट बैठक शुक्रवार को विधानसभा में रखी गई थी। सरकार ने राजिम कुंभ (कल्प) मेले को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसका आयोजन 24 फरवरी से 8 मार्च तक होगा। पढ़ें पूरी खबर

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