पढ़ाई में केवल सैद्धांतिक रूप से जानकारी हासिल कर लेना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें अधिकाधिक प्रयोगों को करके पूर्व से उपलब्ध प्रौद्योगिकी के साथ नवीन प्रौद्योगिकी का ज्ञान हासिल करना आवश्यक है। रीजनल साईंस सेन्टर द्वारा इसी उद्देश्य से 20 दिसम्बर से 24 दिसम्बर तक कुल पांच दिवसीय एयरो-मॉडलिंग विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अँग्रेजी माध्यम विद्यालय- माना कैम्प, कक्षा- नवमीं से बारहवीं तक के कुल-35 छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। प्रभारी परियोजना संचालक डॉ. शिरिष कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि शिक्षा की पारंपरिक पद्धति में प्रौद्योगिकी का समावेश प्राप्त ज्ञान को चिर स्थायी बनाता है। विज्ञान के सिद्धांतों को बच्चे करके बहुत आसानी से सीख सकते हैं। साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले नए अविष्कारांे के लिए आकर्षित होते हैं। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लगातार हैण्ड्स ऑन प्रशिक्षण सह-कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ. अरूणा राना मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा छात्र-छात्राओं को संबंधित विषय पर व्याख्यान के साथ ही साथ एयरो-मॉडलिंग की असेम्बलिंग एवं फ्लाईंग सेशन से जुड़े मूलभूत सिद्धांतांे को सरल एवं सहज ढंग से बताया जाएगा। इंजीनियर अमित मेश्राम (वैज्ञानिक-डी) ने बताया कि विज्ञान केन्द्र द्वारा लगातार नवीन प्रौद्योगिकी जैसे- रोबोटिक्स, ड्रोन एवं एयरो-मॉडलिंग पर वर्कशॉप-हैण्ड्स ऑन एक्टिविटी किया जा रहा है। महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए उपस्थित छात्र-छात्राओं को इस पॉच दिवसीय कार्यशाला के लिए शुभकामनाएॅ दी। इस पॉच दिवसीय कार्यशाला के डॉ. आशीष सराफ, मैट्स यूनिवर्सिटी, श्रीमती प्रज्ञा कदम (वैज्ञानिक अधिकारी) एवं शोधार्थी सहित अन्य उपस्थित थे।

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