हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति चाहता है कि जब वह बीमार पड़े तो उसे अपने इलाज के लिए भटकना न पड़े। छोटी-छोटी बीमारी के लिए अपने काम धंधे बंद कर डाक्टरों से अपॉइंटमेंट लेना और कतार में लग कर इलाज कराने से हर कोई बचना चाहता है। लोगों की जरूरतों को ध्यान रख छत्तीसगढ़ में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अब इन्हीं उद्देश्यों और लक्ष्यों को न सिर्फ पूरा कर रही है। बल्कि अपने मुहल्ले में ही कैंप लगने से लोगों को इलाज में बहुत सहूलियत होने लगी है। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ गरीबों का त्वरित इलाज कर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदम का ही परिणाम है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत गरीब परिवारों का दिल जीत रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशन में 1 नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में प्रारंभ हुई इस योजना से अभी तक 15 लाख से अधिक मरीजों का उपचार हो चुका है। मोबाइल मेडिकल यूनिट अंतर्गत लगने वाले कैम्प और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वालों की संख्या देखी जाए तो हर माह एक लाख से अधिक मरीज मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से स्वस्थ हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजनारायपुर सहित नगरीय क्षेत्रों में गरीबों को मिल रहा लाभ
1 नवम्बर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगम में शुरू हुई 60 मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 20 हजार 500 शिविर में 14 लाख 31 हजार 383 मरीज लाभान्वित हुए हैं। वहीं दाई दीदी क्लीनिक अंतर्गत 1014 शिविर में 77017 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। मोबाइल मेडिकल यूनिट स ेअब तक 15 लाख से अधिक मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है। नगरीय क्षेत्रों में स्लम में रहने वाले मजूदरों, गरीबों के लिए यह योजना राहत के समान है।

रायपुर में सबसे अधिक 5301 शिविर में 3 लाख 46 हजार 385 मरीज लाभान्वित हुए हैं और 310793 मरीजों को दवा का वितरण किया गया है। बिलासपुर में 1411 कैंप में 120865, दुर्ग में 1419 कैंप में 100791, कोरबा में 2540 कैंप में 184292, और राजनांदगांव में 1415 शिविर में 114025 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह भिलाई में 1065 कैंप में 83133, रिसाली में 712 कैंप में 51148 भिलाई चरोदा में 703 कैंप में 44842, अंबिकापुर में 1297 कैंप में 95094, जगदलपुर में 1368 कैंप में 75191 रायगढ़ में 1323 कैंप में 86235, कोरिया चिरमिरी में 608 कैंप में 29161, बीरगांव में 672 कैंप में 41565 मरीज लाभान्वित हुए हैं। दाई-दीदी क्लीनिक में 1014 कैंपों में 77017 महिलाएं इससे लाभन्वित हुई है।

11 लाख 91 हजार 826 को किया गया दवा का वितरण
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 14 माह में 11 लाख 91 हजार 826 मरीजों को दवाओं को वितरण किया गया है। रायपुर में सर्वाधिक 3 लाख 10 हजार 793, बिलासपुर में 116162, कोरबा में 112128, भिलाई में 76844, दुर्ग में 87887, राजनांदगांव में 105654, रायगढ़ में 82123, अंबिकापुर में 62431, बीरगांव में 33246, रिसाली में 40403, भिलाई चरोदा में 37506, चिरमिरी में 19813, जगदलपुर में 62159 मरीजों को दवाइंयों का वितरण किया गया है। शिविर में निःशुल्क दवाइयां मिलने से गरीब परिवारों का आर्थिक बोझ भी कम हो रहा है।

2 लाख 68 हजार का हुआ लैब टेस्ट
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से 20500 कैंपों में लगभग 2 लाख 68 हजार 50 मरीजों का लैब टेस्ट भी हुआ है। सबसे अधिक रायपुर नगरीय क्षेत्र के मरीजों का लैब टेस्ट हुआ। रायपुर में 71285, बिलासपुर में 12940, कोरबा में 25456, अंबिकापुर में 21649, दुर्ग में 16489, भिलाई में 14537 और राजनांदगांव में 23836, रायगढ़ में 16021, जगदलपुर में 15062, बीरगांव में 10404 मरीजों का लैब टेस्ट हुआ है। लगभग 41 प्रकार की जांच सुविधा मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपलब्ध है।

प्रति एमएमयू 70 मरीजों को मिल रहा स्वास्थ्य लाभ
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से स्लम इलाकों में कैंप लगाकर इलाज एवं स्वास्थ्य जांच की जाती है। शिविर में आकर अपना इलाज कराने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक लगाए गए शिविर में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले मरीजों का औसत देखे तो प्रति एमएमयू 70 मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है। दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से प्रति एमएमयू 76 महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत दाई-दीदी क्लीनिक देश की ऐसी पहली अभिनव योजना है जिसमें महिला चिकित्सक से लेकर अन्य स्टाफ महिलाएं है। यहां महिलाओं द्वारा महिलाओं के इलाज किए जाने से स्लम सहित आसपास की महिलाएं बेझिझक अपना उपचार करा पाती है।

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