छत्तीसगढ़ सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा व्यसन मुक्ति अभियान के तहत राज्य एवं जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला राज्य अनुसंधान एवं पुनर्वास केंद्र माना में संपन्न हुई। कार्यशाला मंे विशेषज्ञों ने बताया कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों को नशे से दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसलिए भारत माता वाहिनी योजना अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत और आश्रित गांवों में ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा कि नशा करने वालों कि मनः स्थिति में बदलाव आए और वे नशा करने की लत छोड़ने विवश हो जाएं। यह सब सामूहिक प्रयत्न से ही संभव हो पाएगा।  कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया नशा-पान का सेवन मानव समाज के लिए घातक साबित हो रहा है। व्यसन के कारण ही कैंसर, अस्थमा, हृदयाघात, उच्च रक्तचाप जैसे गंभीर व्याधि शरीर में उत्पन्न होती है। साथ ही परिवार मे कलह, आर्थिक समस्याएं, सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट, नशा के दुष्परिणाम है। इससे हम जितना जल्दी मुक्त होंगे हमारा समाज विकास के मार्ग पर उतनी ही अधिक तेजी से आगे बढ़ेगा।

भारत माता वाहिनी में प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं आश्रित ग्राम में 8 सदस्यों का समूह होगा जिसमें महिला अध्यक्ष होंगी। समूह में अधिकतम 3 पुरुष सदस्य भी हो सकते हैं। सदस्यों  में दिव्यांग व्यक्तियों, विधवा, परित्यक्ता, महिला, तृतीय लिंग समूह के व्यक्ति, नशा मुक्त हुए व्यक्तियों को प्राथमिकता से शामिल किया जाएगा। ग्राम सभा के अनुमोदन उपरांत  समाज  कल्याण विभाग के जिला कार्यालय में पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्तुत करना होगा। प्रथम चरण में प्रत्येक जनपद पंचायत की 10 ग्राम पंचायतों में भारत माता वाहिनी का गठन किया जाएगा। इसके लिए 2000 या अधिक की जनसंख्या वाले गांवों का चयन किया जाएगा। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार के लिए रैली, प्रभात फेरी, नशापान के दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार, दीवार लेखन, पोस्टर, पांपलेट नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन सामान्य में नशा मुक्ति जागरूकता विकसित की जाएगी।

अवैध शराब के कार्य में लिप्त व्यक्तियों एवं नशा पीड़ितों को समझाने के बाद भी नहीं मानने पर उनके घर के सामने उस क्षेत्र के पुलिस थाना  को सूचित करते हुए सविनय भजन कीर्तन का कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा। अभियान के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए निबंध, भाषण, चित्रकला, लघु नाटिका आदि प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। धर्मार्थ संस्थाओं को काउंसलिंग, प्रोत्साहन, योगाभ्यास, संगोष्ठी, व्याख्यान आदि में सक्रिय सहभागिता एवं परामर्श के लिए शामिल भी किया जाएगा। शराब व्यसन मुक्ति अभियान के अंतर्गत नशा पीड़ितों के लिए 15 बिस्तरों का एक नशा मुक्ति केंद्र का संचालन सभी जिलांे में किया जाएगा। इसका संचालन स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से होगा।

छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान हेतु समेकित कार्य योजना की  निगरानी, नियंत्रण, अनुश्रवण एवं सुसंगत निर्देशों के लिए समाज कल्याण विभाग नोडल होगा। इसके लिए  राज्य तथा जिला स्तर पर समिति गठित की जाएगी। राज्य स्तरीय समिति में समाज कल्याण विभाग के सचिव अध्यक्ष होंगे। संचालक समाज कल्याण सदस्य सचिव और विकास आयुक्त द्वारा नामांकित प्रतिनिधि, कृषि, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा,  महिला एवं बाल विकास, पंचायत, स्वास्थ्य सेवाएं, संस्कृति जनसंपर्क विभाग के आयुक्त, पुलिस मुख्यालय द्वारा  नामित प्रतिनिधि, उप सचिव वित्त विभाग और भारत माता वहिनी के 5 सदस्य (प्रत्येक संभाग से 1-1, जिसमें एक अनुसूचित जाति और एक महिला सदस्य) को शामिल किया जाएगा।

जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर होंगे। उपसंचालक समाज कल्याण को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उपसंचालक कृषि, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, जिला आबकारी अधिकारी, उप संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जिला जनसंपर्क अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, नशा मुक्ति के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त महिला को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। कार्यशाला में समाज कल्याण विभाग के उपसचिव श्री राजेश तिवारी, संयुक्त संचालक श्री पंकज वर्मा, श्री धर्मेश कुमार साहू सहित राज्य एवं जिलास्तरीय नोडल अधिकारीगण उपस्थित थे।

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