रायपुर नगर निगम में करीब 29 साल बाद एक बार फिर प्रशासक बैठना लगभग तय हो गया है। 5 जनवरी को महापौर एजाज ढेबर का कार्यकाल खत्म हो रहा है। वे 6 जनवरी 2025 को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। इसके बाद रायपुर समेत प्रदेश के 10 नगरीय निकायों में प्रशासक बैठ जाएंगे। इसके साथ ही शहरी सरकार की कमान 29 साल बाद एक बार फिर से प्रशासक के हाथ में होगी। रायपुर में दस साल तक यानी 1985 से 1995 तक सात प्रशासक रहे। इस दौरान रायपुर निगम की प्रशासनिक बागडोर भारतीय और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के हाथों में रही। इस दौरान उन्होंने रायपुर शहर को कई बड़ी सौगातें दीं। 1984-85 में संतोष अग्रवाल महापौर थे। उनके बाद महापौर चुने नहीं गए। तब राज्य सरकार ने पहली बार रायपुर नगर निगम में ओंकार प्रसाद दुबे को प्रशासक नियुक्त किया। वे 1985 से 1987 तक प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी संभालते रहे। उस समय रायपुर नगर निगम की सीमा बहुत छोटी थी। बाहर से कारोबारियों के सामान आते जाते थे, लेकिन नगर निगम को एक रुपए भी टैक्स नहीं मिलता था। महापौर को जितना अधिकार उतने ही प्रशासक के पास भी
नगर निगम एक्ट में किसी नगरीय निकाय में महापौर नियुक्त नहीं किए जाने पर प्रशासक बैठाने का प्रावधान है। इस स्थिति में महापौर को मिलने वाले सारे अधिकार प्रशासक को मिल जाते हैं। आमतौर पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी या फिर राज्य प्रशासनिक सेवा के सीनियर अफसर को प्रशासक नियुक्त किया जाता है। महापौर नहीं चुने जाने तक नगर निगम के सारे निर्णय प्रशासक ही लेते हैं। रायपुर नगर निगम के प्रशासक… जिन्होंने किए बड़े बदलाव 1. नाथ ने दिया बड़ा सब्जी बाजार
अजयनाथ दूसरे प्रशासक थे, जो 1987 से 88 तक रहे। उनके कार्यकाल में रायपुर को सबसे बड़ा होलसेल सब्जी मार्केट शास्त्री बाजार मिला। आज जहां यह बाजार है, वहां कभी लेडी तालाब हुआ करता था। शास्त्री बाजार आज रायपुर ही नहीं प्रदेश का सबसे बड़ा सब्जी मार्केट है। नगर निगम ने इसी के मुहाने पर विजेता कांप्लेक्स भी बनाया। रायपुर निगम के प्रशासक के साथ वे आरडीए चैयरमैन भी थे। अतिक्रमण पर कार्रवाई भी की थी। 2. तोड़फोड़ के लिए चर्चित रहे
रायपुर के प्रशासकों में मनोज श्रीवास्तव भी काफी चर्चित रहे। उन्होंने शहर में तोड़फोड़ और प्रशासनिक कसावट के लिए काम किया। 1990 से 93 तक रहे। आखिरी प्रशासक के तौर पर राज्य प्रशासनिक सेवा के जीएस मिश्रा रहे। उन्होंने 1993 से 95 तक रायपुर निगम की जिम्मेदारी संभाली। जीएस मिश्रा बाद में आईएस अवार्ड हुए। मोहन राव भी प्रशासक नियुक्त हुए। इनके अलावा बजरंग सहाय, बीएस श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव भी प्रशासक रहे।
