लकवा, जोड़ों का दर्द, शारीरिक संतुलन की समस्या, गर्दन की जकड़कन, लड़खड़ाहट जैसी बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जिनके इलाज में फिजियोथैरेपी बहुत कारगर होती है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अक्सर इस बात से या तो अनजान रहते हैं, या फिर शहरों में ही यह सुविधा उपलब्ध होने के कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। ऐसी बीमारियों का उपचार वे जड़ी-बूटियों अथवा परंपरागत तरीके से करने का प्रयास करते हैं, जिससे कई बार स्थिति बुरी तरह बिगड़ भी जाती है। इन्हीं सब बातों का ध्यान रखते हुए कोंडागांव जिला प्रशासन ने फिजियोथैरेपी की सुविधा को ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर-घर तक पहुंचाने के लिए- फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत अब तक 651 लोगों का उपचार किया जा चुका है।
राज्य में इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए विभिन्न स्तरों पर कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विकासखंड से लेकर जिला स्तर तक सभी सरकारी अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। इसी के अनुरूप अब

विकासखंड स्तर तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति तथा आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा चुकी है। कोंडागांव जिले में भी ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा अधोसंरचना लगातार मजबूत हो रही है। अस्पतालों में उपलब्ध इन चिकित्सा सुविधाओं को गांवों तक पहुंचाने तथा बीमारियों को लेकर ग्रामीणों में वैज्ञानिक जागरूकता लाने के लिए फिजियोथैरेपी विशेषज्ञों की सेवाएं गांवों तक पहुंचाई जा रही हैं। फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर मरीजों की जांच की जाती है एवं उनका उपचार किया जाता है। इससे महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को विशेष रूप से लाभ हो रहा है। इस अभियान के अंतर्गत लकवा, जोड़ों का दर्द, बैलेंसिंग की समस्या,  कपंकपी, लड़खड़ाहट, चलने फिरने में असमर्थता, श्वास की समस्या (दमा), शरीर के किसी भाग में झुनझुनाहट या शून्यपन आ जाना, गर्दन की जकड़न, पार्किंसन, अस्थिबाधा, मांसपेशियों के दर्द, हड्डियों के दर्द, जैसे विलक्षण रोगों से पीड़ित लोगों को उपचार की घर पहुंच सेवा दी जा रही है।

इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विगत् 27 जनवरी को कोंगेरा में आयोजित आमसभा में ‘फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर‘ के वाहन को हरी झण्डी दिखाकर किया गया था। श्री बघेल के निर्देश पर इस अभियान के लिए डीएमएफ मद से एक वाहन की खरीदी गई है, ताकि जिले के अंदरुनी क्षेत्रों में स्थित गांवों तक भी फिजियोथैरेपी की सुविधा आसानी से पहुंचाई जा सके। राज्य में फिजियोथैरेपी सुविधा को लेकर इस तरह की मुहिम चलाने वाला कोंडागांव पहला जिला है। इस अभियान को शुरु करने से पहले लोगों को आधुनिक चिकित्सा से परिचित कराने तथा परंपरागत रूप से चली आ रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी जिले में मुहिम चलाई गई। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने इसके लिए घर-घर जाकर मरीजों की जानकारी इकट्ठा की तथा लोगों को फिजियोथैरेपी से उपचार कराने के लिए प्रेरित किया। ग्रामीणों के सामने फिजियोथैरेपी का लगातार प्रदर्शन किया। इस अभियान से विभिन्न बीमारियों से लंबे समय से पीड़ित लोगों को भी लाभ हो रहा है। कोरोना संक्रमण से उबर चुके उन लोगों का भी उपचार फिजियोथैरेपी से किया जा रहा है, जो मांस-पेशियों के दर्द से पीड़ित हैं। अब तक जिले के विभिन्न गांवों में में 23 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। विशेष शिविरों में पीड़ितों को फिजियोथैरेपी के सहायक उपकरणों का वितरण भी किया जा रहा है।

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