राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज राजकुमार कॉलेज, रायपुर के 127 वें वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुईं। समारोह में एन.सी.सी. कैडेट्स ने राज्यपाल का स्वागत किया और राष्ट्रगान की धुन पर सलामी दी। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया। कॉलेज की महिला हॉकी टीम द्वारा राष्ट्रीय इंटरस्कूल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर राज्यपाल ने हर्ष व्यक्त करते हुए बेटियों का सम्मान किया। राज्यपाल ने आगामी वर्ष से राजकुमार कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए ‘गर्वनर ऑफ छत्तीसगढ़’ पुरस्कार प्रदान करने की भी घोषणा की। समारोह उपरांत राज्यपाल ने राजकुमार कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन का शुभारंभ सम्मानित हुए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देकर की। उन्होंने कहा कि राजकुमार कॉलेज ने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ रूचि के अनुरूप विधाओं में पारंगत करने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि ‘‘शिक्षा ही जीवन का सबसे बड़ा प्रशिक्षण है।’’ शिक्षा संभावनाओं के द्वार खोलती है और आधारभूत शिक्षा आपके लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रथम सीढ़ी के समान है। राज्यपाल ने आगे कहा कि शिक्षा मानव संसाधन को सक्षम बनाता है और यही मानव संसाधन आगे चलकर देश के उत्तरोत्तर विकास में अपनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से अपने विद्यालय के गौरव और प्रतिष्ठा को बनाये रखने और विद्यालय से अर्जित ज्ञान का उपयोग समाज सेवा करने को कहा।
राज्यपाल सुश्री उइके ने विद्यार्थियों के जीवन में स्कूल की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि स्कूल में बच्चों के व्यक्तित्व को आकार देने और जीवन की भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है। एक समय था जब स्कूलों में केवल किताबी ज्ञान को महत्व दिया जाता था और विद्यार्थी के योग्यता का आंकलन परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर होता था। लेकिन मेरा मानना है कि केवल परीक्षा में प्राप्त अंक विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और चरित्र को प्रतिबिंबित नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब बदलते परिवेश और आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा बहुआयामी विधा का रूप ले चुका है। शिक्षा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर केन्द्रित हो और पाठ्यक्रम के साथ-साथ सहगतिविधियों को भी समान महत्व दिये जाने की बात उन्होंने कही।
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में कहा कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक हमारे राज्य में प्रतिभा की कमी नहीं हैं। छत्तीसगढ़ जितना प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, उतना ही मानव संसाधन की दृष्टि से धनी है। हमें संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे न केवल अपने लिए बल्कि समाज और देश के लिए भी सपना संजोएं। अपने ज्ञान और प्रतिभा से नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता उत्पन्न करें और आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनेें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विद्यार्थियों और युवाओं के हित में प्रारंभ नई शिक्षा नीति-2020 और खेलो इंडिया मुहिम की जानकारियां भी साझा की। खेलो इंडिया केे सकारात्मक परिणामों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को इससे जुड़ने हेतु प्रयास करने को कहा।
इस दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त अभियान के बारे में भी जानकारी दी और उपस्थित जनों से इसके संबंध में आम जनमानस में व्याप्त भय को दूर करने और जागरूकता लाने का आग्रह किया। तत्पश्चात् राज्यपाल सुश्री उइके ने राजकुमार कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने पूरे प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी रचनात्मक और बौद्धिक अभिव्यक्ति की प्रशंसा की तथा उनका उत्साहवर्धन किया।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री तथा राजकुमार कॉलेज के जनरल काउंसिल के अध्यक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव ने भी समारोह को संबोधित किया और राजकुमार कॉलेज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। साथ ही राजकुमार कॉलेज के प्राचार्य श्री अविनाश सिंह ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राजकुमार कॉलेज के जनरल काउंसिल के वाईस प्रेसिडेंट श्री आर.सी. देब बिराबरा हरिचंदन, मैनेजिंग कमेटी के चेयरमेन श्री त्रिबिक्रम चंद्र देब एवं गवर्निंग बॉडी के सेक्रेटरी श्री के.एस.बी. पटनायक उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *