महिला एवं बाल विकास मंत्री सूरजपुर के जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में हुई शामिल
नवप्रवेशित नन्हे मुन्नो का तिलक लगाकर किया अभिनन्दन,वितरित किया गया निःशुल्क गणवेश
प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत छात्राओं को किया सायकल वितरण
विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण के लिए शिक्षा सबसे अहम है, यदि स्कूली शिक्षक लक्ष्य का निर्धारण करते हुए और संकल्प लेते हुए बच्चों को मन से पढ़ायेंगे तो निश्चित ही हमारे बच्चे प्रदेश के नाम को गौरवांवित करेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने ये बात सूरजपुर के जिला स्तरीय शाला प्रवेश कार्यक्रम में कही। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थी, पालक व शिक्षकों को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के संदेश से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत तिलक लगाकर और मिष्ठान खिलाकर किया गया। तत्पश्चात् सूरजपुर जिले अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले विकास के बिंदुओं से की गई। जिसका प्रदर्शन प्रोजेक्टर के माध्यम से किया गया। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार व गतिविधियों की संक्षिप्त झलकियों का प्रदर्शन किया गया। कस्तूरबा गांधी की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के साथ-साथ उनके पालकों का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर जिले के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया गया और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट प्रदान करने की बात कही गई।कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों को सामग्री वितरण और बालिकाओं को सरस्वती योजना अंतर्गत सायकल प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में पूर्व गृहमंत्री श्री रामसेवक पैकरा,श्री राजेश अग्रवाल,श्री अजय अग्रवाल, श्री बिहारी कुलदीप, श्री लवकेश पैकरा, श्री बिज्जु दासन एवं श्री राजेश्वर तिवारी,संभागायुक्त श्री गोविंद राम चुरेंद्र, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, जिला शिक्षा अधिकारी श्री रामललित पटेल, जिला मिशन समन्वयक श्री शशिकांत सिंह, सहायक संचालक शिक्षा श्री रविन्द्र देव सिंह एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।