मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी योजनाओं की ग्रामीणों के बीच स्वीकार्यता और लोकप्रियता का यह आलम है कि एक ग्रामीण महिला ने कर्ज माफी से बचे पैसे और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिली राशि से खेती के लिए जमीन का छोटा सा टुकड़ा खरीदा और उसका नामकरण ’मुख्यमंत्री बाहरा’ याने ’मुख्यमंत्री खेत’ कर दिया। मुख्यमंत्री ने आज बिलाईगढ़ में प्रेसवार्ता में इस वाकये का जिक्र करते हुए बताया कि भेंट-मुलाकात के दौरान सरसींवा में ग्रामीण महिला चेतन बाई ने बताया था कि कर्ज माफी से मिले लाभ और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिले पैसों से 32 डिसमिल जमीन ली हूं, जिसका नाम मैने मुख्यमंत्री बाहरा (खेत) रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

गौरतलब है कि मंगलवार को बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत बिलाईगढ़ विधानसभा के ग्राम सरसींवा में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में चेतन बाई महिलांग ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह सरकार छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की चिंता करती है। आज तक ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखा जिसने सभी का ध्यान रखा है। चेतन बाई ने बताया कि उनका 01 लाख 56 हजार रूपए का कर्ज माफ हुआ है, पैसे बचे हैं और अतिरिक्त आय भी हुई है। उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 03 लाख 42 हजार रूपए की राशि मिली है। बचत के पैसे और इस राशि से 32 डिसमिल जमीन खरीदी है, जिसका नाम मैंने ’’मुख्यमंत्री बाहरा’’ (खेत) रखा है।

उनकी बात सुनकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अच्छा लगता है जब लोग बताते हैं कि हमने इस योजना का लाभ लेकर यह उपलब्धि हासिल की। कोई मोटरसाइकिल खरीद रहा है, तो कोई कार, कोई घर बनवा रहा है, तो कोई अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए योजनाओं से मिले पैसे का उपयोग कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने चेतन बाई की बात सुनकर उन्हें बधाई दी और भेंट-मुलाकात में संवाद करने आए सभी लोगों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की स्थिति देखने के लिए भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में विधानसभा वार जनता से संवाद कर रहे हैं। इस दौरान वे न केवल योजनाओं के लाभान्वितों से बात कर रहे हैं साथ ही उनसे रायशुमारी भी कर रहे हैं।

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