मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य में किसानों को निर्धारित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त रासायनिक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिलों में निजी उर्वरक विक्रेता फर्मो की जांच-पड़ताल का अभियान निरंतर जारी है। निजी फर्मो के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की टीम द्वारा रासायनिक उर्वरक के दर के प्रदर्शन, स्टाक का मिलान, कैश मेमो, क्रेडिट मेमो की जांच के साथ ही उर्वरकों की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए सेम्पल भी लिए जा रहे हैं। उर्वरक विक्रय की दर, स्टाक में गड़बड़ी एवं अन्य अनियमितताओं का मामला पकड़ में आने पर संबंधित फर्मों के विरूद्ध उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश वितरण कार्यवाही किए जाने के साथ ही सेम्पल के अमानक पाए जाने पर संबंधित लॉट की विक्रय पर भी प्रतिबंधित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में आज जांजगीर-चांपा जिले के डभरा में एसडीएम के नेतृत्व में कृषि विभाग के अधिकारियों के टीम ने निजी खाद विक्रेता मेसर्स मदनलाल अग्रवाल खाद भंडार का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर खाद विक्रय का मामला पकड़ में आने पर उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 3(3) के तहत संबंधित फर्म के खाद भंडार को सील कर दिया गया है। गौरतलब है कि जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती में बीते दिनों में एक निजी खाद विक्रेता पर मेसर्स ज्ञानीराम चंदगीराम के तीन खाद गोदामों को अनियमितता के चलते सील करने के साथ ही उसके उर्वरक पंजीयन प्रमाण पत्र को निलंबित किए जाने की कार्यवाही की गई थी। मेसर्स ज्ञानीराम चंदगीराम उर्वरक विक्रेता के यहां निरीक्षण के दौरान निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक के विक्रय, किसानों को कैश मेमो, क्रेडिट मेमो जारी न करने, स्टाक में गड़बड़ी का मामला पकड़ में आने पर फर्म के खाद गोदामों को सील कर दिया गया। राज्य में संचालित इस अभियान के तहत निजी उर्वरक विक्रेताओं के यहां से रासायनिक उर्वरकों के अब तक लिए गए 2127 नमूनों में से 83 नमूने अमानक पाए जाने पर संबंधित फर्मो के संचालकों को नोटिस दिए जाने के साथ ही उर्वरक के अमानक लॉटों के विक्रय को प्रतिबंधित किए जाने की कार्यवाही की गई है।