महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया शुक्रवार को रायपुर के माना कैम्प में ‘फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन संेटर के बढ़ते कदम‘ कार्यक्रम में शामिल हुंई। कार्यक्रम का आयोजन सरगुजा जिले के दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग प्रदान करने के उपलक्ष्य में किया गया था। श्रीमती भेंड़िया ने सरगुजा जिले से आए 14 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग लगने पर मिठाई खिलाकर बधाई दी और फूल मालाओं से उनका सम्मान किया।
श्रीमती भेंड़िया ने सभी दिव्यांगजन से बातचीत कर उनकी परेशानी जानी और भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन संेटर (पीआरआरसी) में दिव्यांगजन के लिए कृत्रिम अंग बनाने, लगाने और प्रशिक्षण कक्ष के साथ स्पीच थेरेपी कक्ष का अवलोकन किया। इस दौरान समाज कल्याण विभाग के संचालक पी.दयानंद भी उपस्थित थे।
श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा है कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक सुविधाओं की पहुंच हो। उनके निर्देशों पर चलते हुए पीआआरसी की टीम सरगुजा के गांव-गांव के दिव्यांगजन तक पहुंची। उन्होंने विभागीय टीम को बधाई देते हुए कहा कि सरगुजा की तरह तरह टीम हर जिले तक पहुंचे। बस्तर के बीहड़ों में जाकर भी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचकर अच्छा और जिम्मेदारी के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि कृत्रिम अंगों से दिव्यांग लोगों ने आज अपने कदम आगे बढ़ाए हैं,आगे वे जल्दी चलने लगेंगे और अपने परिवारों का सहारा बनेंगे। उन्होंने कहा कि छोटे-बच्चों को फिर से खेलते-दौड़ते देखकर माता-पिता की खुशी को शब्दों में नहीं बताया जा सकता। बड़े हॉस्पिटल में कृत्रिम अंगों के लिए लाखों रूपए खर्च करने पड़तें हैं। समाज कल्याण विभाग की अत्याधुनिक मशीनों से तैयार होकर हितग्राहियों की जरूरत निःशुल्क पूरी हो रही है। इस अवसर पर सरगुजा जिला पंचायत की सभापति सुश्री राधा रवि ने सरगुजा में विशेष शिविर के लिए आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित पीआरआरसी सेंटर के विशेषज्ञों द्वारा विगत 24 से 30 अक्टूबर तक सरगुजा जिले के 7 विकासखण्डों में शिविर लगाकर 140 दिव्यांग हितग्राहियों को चिन्हांकित किया है। विभाग द्वारा इन हितग्राहियों को 155 क्रत्रिम उपकरण निःशुल्क प्रदान कर उनकी जीवन में फिर से गति लाने का प्रयास किया जा रहा है। 140 दिव्यांगजन में 65 हितग्राहियों के नकली पैर तैयार करने के लिए रायपुर स्थित पीआरआरसी सेंटर लाना है, अन्य को सरगुजा में ही अंग प्रदान किए जाएंगे। प्रथम बैच में 14 दिव्यांगजन को रायपुर लाकर कृत्रिम अंग लगाए गए हैं। शेष दिव्यांगजन को अलग-अलग बैच में रायपुर लाकर कृत्रिम अंग लगाए जाएंगे। सरगुजा की तरह भविष्य में सभी जिलों में दिव्यांगजन के चिन्हांकन के लिए शिविर लगाकर उन्हें निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रदान किये जाने की योजना है।