सरगुजा पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा के बड़े गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के फरार सरगना सटोरिया सुधीर गुप्ता को बीती रात उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के ऑफिस से 15 बैंकों की पासबुक, एटीएम, चेकबुक बरामद किया था। सिर्फ एक बैंक से 15 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन होना पाया गया है। एसपी योगेश पटेल ने कहा कि मामला महादेव सट्टा ऐप से जुड़ा हो सकता है। मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद कई खुलासे होंगे। सट्टे की रकम 100 करोड़ रुपए तक होने की आशंका है। सरगुजा एसपी योगेश पटेल ने बताया कि पुलिस ने अंबिकापुर सीएसपी रोहित शाह की टीम ने सटोरिया सुधीर गुप्ता के घर में छापा मारा था, जहां ऑस्ट्रेलिया क्लब मैच में सट्टा लगवाते तीन युवक पकड़े गए। मौके से 1.54 लाख रुपए नकद, 73 मोबाइल फोन जब्त किया था। 15 बैंकों में खाते, करोड़ों का ट्रांजैक्शन एसपी योगेश पटेल ने बताया कि मौके से 234 एटीएम कार्ड, सिम 77 नग, चेकबुक 78 नग, पासबुक 81 नग, बार कोड स्कैनर 08 नग सहित मूल आधार कार्ड 13 नग के साथ पेन काड और आधार कार्ड की फोटोकॉपी मिली है। ऑनलाइन सट्टा-पट्टी का बही खाता भी बरामद किया है। आरोपियों द्वारा 15 बैंकों में खाता खुलवाकर उनका संचालन किया जा रहा था। अब तक बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने 30 खातों में 15 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन होने की जानकारी दी है। अन्य बैंकों से जानकारी मांगी गई है। इनमें एक्सिस, एचडीएफसी, पीएनबी, आईडीएफसी, यूको, केनरा बैंक सहित निजी और सरकारी बैंक शामिल हैं। इनमें बड़ी संख्या में खाते खोलकर लेन-देन किया गया है। महादेव सट्टा एप से जुड़ा हो सकता है मामला
एसपी योगेश पटेल ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि उक्त सटोरिये महादेव सट्टा एप से जुड़े थे। जांच में हवाला के जरिए भी राशि ट्रांसफर करने की जानकारी मिली है। मुख्य सटोरिया सुधीर गुप्ता के घर में ऑफिस बनाकर टीवी सेटअप लगाकर ऑस्ट्रेलिया क्लब क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवा रहा था। ये सटोरिये लंबे समय से सट्टा चला रहे थे। आईपीएल मैच के दौरान बड़े पैमाने पर सट्टा लगाए गए। ये हुए हैं गिरफ्तार पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की (27) निवासी बिलासपुर चौक, अंबिकापुर, श्रीकांत अग्रवाल (46) निवासी महामाया रोड, राहुल कुमार सोनी (23) निवासी चांदनी चौक अंबिकापुर शामिल हैं। चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। मुख्य आरोपी सुधीर गुप्ता भाग निकला था, जो अब पुलिस गिरफ्त में है। चार व्हाट्सएप ग्रुप बना लगवाते थे सट्टा एसपी ने बताया कि सट्टा लगाने वालों के द्वारा 20 हजार रुपए जमा करने पर उन्हें लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दिया जाता था। इसके माध्यम से वे एप खोलकर लॉग-इन करते थे और पैसे लगाते थे। मुनाफे की रकम बैंक से ट्रांसफर की जाती थी। WIN BUZZ पोर्टल पर भी ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा था। सुधीर कुमार गुप्ता ने 4 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए है, जिसमें सैकड़ों लोग जुड़े हैं। उनकी जानकारी एकत्र की जा रही है। आरोपियों द्वारा पैसा ऑनलाइन विभिन्न खातों में डलवाया जाता था। आरोपी फोन-पे, गूगल-पे, पेटीएम का उपयोग कर लेन-देन करते थे। एक सहयोगी भी गिरफ्तार पुलिस ने एक युवक अर्जुन गुप्ता (20) निवासी शिकारी रोड को भी गिरफ्तार किया है। उसने दूसरे लोगों का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक का पासबुक की छायाप्रति के बिना ही क्यू आर कोड स्कैनर जनरेट किया था। बिना जानकारी के ही खुला बैंक खाता जांच में पता चला है कि कई लोगों के खाते उनकी जानकारी के बिना ही खोले गए और लाखों का ट्रांजैक्शन भी किया गया है। एक बैंक खाता धारक से पूछताछ की गई तो उसने बैंक खाते की जानकारी होने से इनकार किया। उसके नाम पर खोले गए बैंक एकाउंट के फार्म में हस्ताक्षर भी अलग पाया गया। पुलिस ने खाताधारक की शिकायत पर धोखाधड़ी का अपराध भी दर्ज किया है। पुलिस ने मामले में छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम की धारा 7, 8 एवं 336(3), 338, 61(2) बीएनएस का अपराध दर्ज किया है बार-बार बदल देते थे ऑफिस एसपी ने बताया कि सुधीर गुप्ता और सहयोगियों के द्वारा लंबे समय से सट्टा खिलवाया जा रहा था। उन्होंने अपने ग्रुप का नाम W52 रखा था। वे हर दो से ढ़ाई माह में कार्यालय बदल देते थे। मामले में अन्य बैंकों से संदिग्ध खातों के ट्रांजैक्शन की जानकारी मांगी गई है। बैंकों ने नहीं दी ट्रांजैक्शन की जानकारी एसपी ने बताया कि बैंकों में बड़े पैमाने पर फर्जी खाते खोलकर एक-एक खाते से लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ, लेकिन बैंकों ने संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जानकारी नहीं दी। इसमें बैंकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। बैंकों को नियमानुसार संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जानकारी दी जानी थी। इसमें लापरवाही हुई है। मुख्य आरोपी से पूछताछ
एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी सुधीर गुप्ता से कई राज खुलेंगे। मसलन ग्रुप महादेव एप से जुड़े होने की तस्दीक की जाएगी। बैंक खाते अलग-अलग शहरों की बैंक शाखाओं में खोले गए हैं। उनका संचालन गु्रप कर रहा था। पुलिस गिरोह के ऑपरेटर का पता लगाएगी। पुलिस ने बैंक खातों के ट्रांजेक्शन की जानकारी बैंकों से मांगी है। हवाला से भी पैसे किन्हें भेजे गए, इसकी भी जानकारी पुलिए सरगना से जुटा रही है।

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