नई दिल्ली:कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के असल परिणाम ‘एग्जिट पोल’ के अनुमान से बिल्कुल विपरीत होंगे. सोनिया ने कहा, ‘‘हमें प्रतीक्षा करनी होगी. बस, इंतजार कीजिए और देखिए.” कल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को ‘फैंटेसी पोल’ बताया था. वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सभी एग्जिट पोल को खारिज करते हुए कहा था कि ये पहले भी गलत साबित हुए हैं. दरअसल अधिकतर ‘एग्जिट पोल’ में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को प्रचंड बहुमत मिलने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. ऐसे में कांग्रेस की ओर से इन पोल्स के नतीजों को खारिज किया जा रहा है.
कितने सटीक हुए पिछले 4 एग्जिट पोल्स?
अलग-अलग चैनलों पर प्रकाशित होने वाले एग्जिट पोल्स कितने सटीक बैठेंगे ये तो रिजल्ट के दिन ही साफ होगा, लेकिन पिछले 4 लोकसभा चुनावों के एग्जिट पोल्स के रिजल्ट इस पर स्थिति जरूर साफ कर देते हैं कि एग्जिट पोल्स को ही अंतिम लकीर समझ लेना समझदारी नहीं है. आइये Exit Polls और वास्तविक नतीजों के साथ समझते हैं कितने सटीक या कहें हवा का रुख भांपने के कितने करीब रहे पिछले 4 लोकसभा चुनावों के एग्जिट पोल्स….
साल 2004 एग्जिट पोल्स
एजेंसी |
बीजेपी |
कांग्रेस |
अन्य |
एसी नीलसन |
240 |
198 |
110 |
ओआरजी मार्ग |
248 |
190 |
105 |
सी वोटर |
263 |
180 |
92 |
नतीजे |
181 |
208 |
59 |
निष्कर्ष – 2004 में एग्जिट पोल जनता का मूड भापंने में असफल रहे थे. सभी एग्जिट पोल्स अटल बिहारी वाजपेयी के गठबंधन को तो जीत दिला रहे थे, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए थे. बीजेपी का गठबंधन 181 सीटों पर सिमट गया था और कांग्रेस के गठबंधन को 208 सीटें मिलने के साथ मनमनोहन सिंह की सरकार बनी थी. इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि एग्जिट पोल्स 2004 में फेल हो गए थे या यूं कहें औंधे मुंह गिरे थे.
साल 2009 के एग्जिट पोल्स
एजेंसी |
बीजेपी |
कांग्रेस |
अन्य |
सीएनएन |
175 |
195 |
150 |
स्टार-नीलसन |
196 |
199 |
136 |
सी वोटर |
189 |
195 |
144 |
नतीजे |
159 |
262 |
106 |
निष्कर्ष – 2009 में सभी एग्जिट पोल्स बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान लगा रहे थे. कांग्रेस गठबंधन को 200 से कम और बीजेपी अलायंस को 190 के करीब सीटें दे रहे थे, लेकिन नतीजे का दिन आया तो मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस गठबंधन को 262 सीटें मिली और एक बार फिर डॉ मनमोहन सिंह की सरकार बनी. यहां भी एक्जिट पोल गलत साबित हुए. सटीक अनुमान नहीं लगा पाए.
साल 2014 के एग्जिट पोल्स
एजेंसी |
बीजेपी |
कांग्रेस |
अन्य |
सीएनएन |
276 |
97 |
148 |
इंडिया टुडे |
272 |
115 |
156 |
चाणक्य |
340 |
70 |
133 |
नतीजे |
336 |
66 |
147 |
निष्कर्ष – 2014 में अधिकाशं पोल बीजेपी गठबंधन को 272 से 276 सीटें दिलवा रहे थे. लेकिन मोदी लहर को चुनावी विशेषज्ञों या एग्जिट पोल्स करवाने वाली एजेंसियों ने भी शायद उतनी गंभीरता से नहीं लिया. नतीजों का दिन आया तो बीजेपी को 336 सीटें मिलीं और पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. उस समय केवल चाणक्य के एक्जिट पोल नतीजों के काफी करीब रहे थे. उन्होंने बीजेपी को 340 सीटें दी थीं.
साल 2019 के एग्जिट पोल्स
एजेंसी |
बीजेपी |
कांग्रेस |
अन्य |
टाइम्स नाऊ |
306 |
132 |
104 |
टुडे चाणक्य |
340 |
70 |
133 |
सी वोटर |
287 |
128 |
127 |
नतीजे |
352 |
97 |
94 |
निष्कर्ष -2019 में भी एग्जिट पोल्स भी सटीक अनुमान से दूर रहे थे. एग्जिट पोल बीजेपी गठबंधन को 2067 से 300 पार तक सीटें दे रहे थे जबकि नतीजों में बीजेपी को 352 सीटें मिली थीं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर देश में सरकार बनी. उस समय भी सिर्फ टुडे चाणक्य नतीजों के आसपास सटीक भविष्यवाणी करने में सफल रहा था.