बीजापुर में घटिया सड़क बनाने और ठेकेदार को बचाने के आरोप में कार्यपालक अभियंता बी.एल. ध्रुव और 3 पर केस दर्ज किया जाएगा। इसे लेकर आदेश जारी हुआ है। यह वही सड़क है, जिसकी रिपोर्टिंग की वजह से पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई। इसी सड़क का ठेकेदार हत्याकांड का मास्टरमाइंट सुरेश चंद्राकर है। वहीं, रायपुर के मोवा ओवरब्रिज में घटिया क्वालिटी की सड़क बनाने वाले PWD के 5 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। रायपुर के ठेकेदार को भी नोटिस दिया गया है। दरअसल, भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे बीजापुर और रायपुर के अधिकारियों पर सीएम विष्णुदेव साय और PWD मंत्री अरुण साव की नाराजगी के बाद यह एक्शन हुआ है। विभागीय जांच में दोनों ही शहरों के अधिकारियों की लापरवाही की सामने आई। अब दोनों ही मामलों को एक-एककर समझिए। क्या है बीजापुर की सड़क का मामला बीजापुर में राज्य सरकार को अधिकारियों के खिलाफ सड़क निर्माण में अनियमितता, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, सरकारी धन का दुरुपयोग और घटिया गुणवत्ता वाले काम के तथ्य मिले हैं। इसलिए सरकार ने बस्तर परिक्षेत्र, जगदलपुर के मुख्य अभियंता को मामले से जुड़े अफसरों पर FIR करने और विभाग को सूचना देने कहा है। दरअसल, बीजापुर में आर.आर.पी.-1 (एल.डब्ल्यू.ई.) योजना के तहत 54.40 किमी लंबाई की सड़क बनानी थी। यह सड़क नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर के बीच थी। गड़बड़ी की मीडिया रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने इंटर्नली केस की जांच कराई। जांच दल ने जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी उसमें गड़बड़ी मिली। इस वजह से बीजापुर में कार्यपालन अभियंता रह चुके बी.एल. ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी और इनका साथ देने वालों पर भारतीय न्याय संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। सरकार को क्या गड़बड़ी मिली ? नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालूर रोड का चीफ इंजीनियर्स ने 8 जनवरी और 9 जनवरी को दौरा किया। जिसमें पाया कि सड़क के निर्माण कार्य में 29.00 किमी से 32.00 किमी और 50/10 तक कुल 4.20 किमी में कई जगह से सील कोट उखड़ गए हैं। पुल के एप्रोच में स्लैब की मोटाई कम है। सड़क और पुल के हिस्सों को बनाने में क्वालिटी गाइडलाइंस का पालन ही नहीं किया गया। विभाग ने अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी को सस्पेंड कर दिया। बीजापुर में सड़क निर्माण के समय पोस्टेड रहे प्रभारी कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। रायपुर के 5 अधिकारी सस्पेंड मोवा ओवरब्रिज में मरम्मत का घटिया काम खुद मंत्री अरुण साव की नजर आ चुका था। इस प्रोजेक्ट के 5 अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं। विभाग ने इस सड़क की जांच में पाया कि औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाइंड डेंसिटी मटेरियल के ग्रेडेशन मानक स्तर से कम है। अफसरों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और काम को अप्रूव करते गए। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग ने कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू, उप अभियंता राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तन्मय गुप्ता को सस्पेंड किया गया है। ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी मोवा ओवरब्रिज में घटिया काम ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी ने किया। इसे भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने ठेकेदार को जारी नोटिस में कहा कि, ओवरब्रिज में डामरीकरण के बाद ट्रैफिक शुरू होते ही गिट्टी निकलने लगी। इसमें ठेकेदार की लापरवाही दिखती है। इसलिए क्यों न इस कृत्य के लिए आपके पंजीयन को निरस्त/पदावनत/निलंबित किया जाए ? ठेकेदार को कारण बताओ सूचना का जवाब 15 दिन के अंदर प्रमुख अभियंता कार्यालय को देना है। ऐसा न करने पर इसका लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है। …………………………………. रायपुर और बीजापुर की सड़कों से जुड़ी खबरें पढ़ें पत्रकार मर्डर-केस…120 करोड़ की सड़क 15 साल में भी अधूरी:हर 2KM के लिए अलग-अलग ठेका, 52KM में से सिर्फ 13KM में डामर; सैकड़ों गड्ढे सड़क निर्माण का ठेका 4 फर्मों को मिला। हर 2 किमी की सड़क निर्माण के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किया गया। 32 किमी के काम को 16 भागों में बांटा गया और अनुबंध किया गया। ये काम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर कर रहा था। पढ़ें पूरी खबर डिप्टी CM के हाथ में आ गई उखड़ी सड़क: रायपुर में ठेकेदार से बोले-सुधार कर एहसान नहीं करोगे, अफसरों को चेताया-पेमेंट हुआ तो सैलेरी कटेगी रायपुर के मोवा ओवर-ब्रिज पर सड़क रिपेयरिंग का काम चल रहा था। करीब एक हफ्ते फ्लाईओवर से आवाजाही बंद रही। मरम्मत के बाद जब आवाजाही शुरू हुई तो नयी सड़क 24 घंटे भी नहीं टिक पाई और उखड़ने लगी। पढ़ें पूरी खबर

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