23.35 लाख किसानों को 21,937 करोड़ रूपए का भुगतान
कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स द्वारा 87 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में दिनोदिन धान खरीदी का नया कीर्तिमान बनता जा रहा है। 1 नवम्बर 2022 से शुरू हुई धान खरीदी का महाभियान में अब तक लगभग 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। 23.35 लाख किसानों ने धान विक्रय किया है। धान के एवज में किसानों को 21,937 करोड़ रूपए का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान अभी 31 जनवरी 2023 तक जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है। अब तक कुल धान खरीदी 107 लाख मीट्रिक टन में से 94 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 87 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 27 जनवरी को 8 हजार से अधिक किसानों से 32 हजार टन से अधिक तथा ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से 2 हजार टन से अधिक धान की खरीदी हुई है।
गौरतलब है कि इस साल राज्य में 24.98 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.32 लाख नये किसान शामिल हैं। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से इस वर्ष राज्य में 135 नए उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए, जिससे राज्य में धान खरीदी के लिए 2617 उपार्जन केन्द्र हो गया हैं। सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। इसी तरह राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए चेक पोस्ट पर माल वाहकों की चेकिंग की जा रही है। राज्य सरकार इस वर्ष प्रदेश के पंजीकृत किसानों से लगभग 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। धान खरीदी केन्द्रों में किसानों की चहल-पहल और धान की आवक से अनुमानित आंकड़े पार हो जाएंगे।