पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अपने प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों तक राजनीतिक खींचतान के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की। कांग्रेस 2017 में पंजाब में भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटी, लेकिन जल्द ही राज्य इकाई में अंदरूनी कलह देखी गई।

उच्च न्यायालय का फैसला सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ा झटका था और तत्कालीन राज्य पार्टी प्रमुख सुनील जाखड़ और कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने भी इस मुद्दे पर अपने इस्तीफे की पेशकश की थी।

क्या कांग्रेस छोड़ देंगे कैप्टन अमरिंदर?
इस्तीफ के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘राजनीति में विकल्प हमेशा रहता है. मुझे पॉलिटिक्स में 52 साल हो गए हैं. साढ़े 9 साल मैं मुख्यमंत्री रहा हूं. लेकिन दो महीने में तीन बार बैठक करके पार्टी ने जिस तरह मुझ पर दवाब बनाया है उससे मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं. पार्टी हाईकमान को मेरे नेतृत्व पर शक था. इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है. अब वो जिसे चाहें उसे सीएम बना सकते हैं. मुझे नया सीएम स्वीकार नहीं है. मैं अभी कांग्रेस में ही हूं और अपने साथियों और सपोर्टर्स से बात करूंगा और अपने फ्यूचर पॉलिटिक्स करियर पर आगे फैसला लूंगा.

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