छत्तीसगढ़ के एंटी नक्सल मोर्चे पर तैनात फोर्स के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। कांकेर जिले में 2 हार्डकोर इनामी नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया। दोनों एमएमसी जोन में सक्रिय थे।
छत्तीसगढ़ के एंटी नक्सल मोर्चे पर तैनात फोर्स के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। कांकेर जिले में 2 हार्डकोर इनामी नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया। महिला व पुरुष माओवादी एमएमसी (महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़) जोन में सक्रिय थे। दोनों नक्सलियों पर कुल 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सरेंडर करने वाली महिला नक्सली प्लाटून नंबर-2 की उप कमांडर के पद पर कार्यरत थी। वह 50 से ज्यादा जवानों की हत्या की वारदातों में शामिल रही है। वहीं एक नक्सली रावघाट एरिया कमेटी के सदस्य के रूप में काम कर रहा था।
कांकेर एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि एक महिला एवं एक पुरुष नक्सली ने माओवादियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर आत्मसमर्पण किया है। महिला नक्सली नीला उर्फ असंतीन उर्फ असोंतीन उइके (33 वर्ष) व पुरुष नक्सली मुकेश उर्फ सुकलू गावड़े (26 वर्ष) मुख्यधारा में लौटे हैं। नीला पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह 2003 से नक्सल संगठन में सक्रिय थीं। वह छत्तीसगढ़ के बस्तर के साथ ओडिशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी सक्रिय रही है। नीला 2004 में सीआरपीएफ कैंप पर हमला, 2007 में ओडिशा के नयागढ़ में पुलिस मुख्यालय पर हमला, ओडिशा के बालमेला में सीआरपीएफ जवानों पर हमला सहित 50 से ज्यादा जवानों की हत्या में शामिल रही है।
फोर्स के दबाव में बैकफुट पर माओवादी संगठन
नीला एमएमसी जोन के केबी डिवीजन के बोड़ला एरिया कमेटी के डीवीसी सचिव भी थीं। वहीं नक्सली मुकेश गावड़े 2009 से नक्सल संगठन में सक्रिय था। मुकेश पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह पुलिस पार्टी पर हमला, ग्रामीणों से मारपीट, हत्या, मुठभेड़, सरकारी संपत्ति को नुकसान, आगजनी जैसी घटनाओं में शामिल रहा है। वह कोड़ेकुर्से थाना क्षेत्र के करकापाल का निवासी है और उत्तर बस्तर डिवीजन में रावघाट एरिया कमेटी का सदस्य था। दोनों नक्सलियों से माओवादी संगठन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। एसपी ने कहा कि फोर्स के दबाव में नक्सली बैकफुट पर हैं। मुठभेड़ में नक्सली मारे जा रहे हैं या फिर सरेंडर कर रहे हैं। मॉनसून में भी माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।