रायपुर सेंट्रल जेल में शनिवार को पहला अन्तर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस मनाया गया। इस दौरान योग आयोग के पूर्व सदस्य और आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक अजय सिंह ने जेल के बंदियों को ध्यान एवं योग शिविर के सिखाया। इस शिविर में 200 बंदियों के साथ अधिकारी ,कर्मचारियों ने भाग लिया। योग प्रशिक्षक अजय सिंह ने बंदियों से चर्चा के दौरान बताया कि यूनाइटेड नेशन ने ध्यान एवं इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 21 दिसंबर को प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। ताकि हर व्यक्ति अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए इस दिवस को याद करें। ध्यान के महत्व को बताया योग प्रशिक्षक ने इस दौरान ध्यान से होने वाले फायदे बताए। उन्होंने कहा कि एक अभ्यास है, ध्यान व्यक्ति के मन को प्रशिक्षित करने एवं मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक शांति और शारीरिक विश्राम प्राप्त करने की एक विधि है। ध्यान तनाव को कम करने के साथ-साथ भावनात्मक संतुलन में सुधार, चित्ता और अवसाद कम कर नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है। दैनिक दिनचर्या में शामिल करे जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने भी ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपने दैनिक दिनचर्या में ध्यान को शामिल किया जाना चाहिए, भले यह कुछ मिनटों के लिए हो यह आपको शांति देगा और तनाव कम करने में सहायक होगा। बंदियों के उत्साह और ध्यान व योग के महत्व को देखते हुए योग आयोग के पूर्व सदस्य एवं आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक अजय सिंह ने सभी बंदियों के लिए आने वाले समय योग, प्राणायाम, ध्यान सुदर्शन क्रिया, प्रशिक्षण सहित जीवन जीने की कला शिविरों के आयोजन किए जाने का आश्वासन दिया गया है।

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