प्रदेश में पहली बार 10वीं-12वीं की प्री बोर्ड परीक्षा 20 से 29 जनवरी को होने जा रही है। इसी बीच, मंत्री अरुण साव का दावा है कि 35 दिन में निकाय-पंचायत चुनाव करा लेंगे। आरक्षण प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। 17 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयोग ने समीक्षा बैठक भी बुला ली है। 18 जनवरी को मतदाता अंतिम सूची का प्रकाशन राज्य निर्वाचन आयोग कर लेगा। ऐसे में 19 जनवरी या उसके बाद आचार संहिता लग सकती है। अगर ऐसा होता है तो परीक्षा की तैयारी के दौरान करीब 2 लाख शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी में लगाया जाएगा। इन्हें 2-3 दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी। मतदान और मतगणना में 3-4 दिन के लिए तैनात किया जाएगा। अगर 35 दिन में चुनाव कराए जाते हैं, तो 24 फरवरी तक मतदान हो जाएगा। तब 2-3 दिन यानी 22 से 24 फरवरी तक स्कूलों को बंद रखना होगा। कुल 10 दिन तक स्कूल प्रभावित होंगे। यही समय होगा, जब कमजोर बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास चलेगी। ऐसे में इस पर असर आना तय है। वहीं 5वीं और 8वीं कक्षा को भी इस सत्र में केंद्रीकृत परीक्षा करने का निर्णय सरकार पहले ले चुकी है। 1 मार्च से 10वीं और 12वीं की परीक्षा शुरू होनी है। ऐसे में इसके आसपास ही इन दोनों परीक्षाओं को आयोजित होना है। लेकिन चुनाव की वजह से शिक्षा विभाग अभी तक इन दोनों कक्षाओं का शेड्यूल जारी नहीं कर पाया है।
चक्रव्यूह में चुनाव – सरकार का दावा और चुनौती दावा: 19 को चुनावी ऐलान चुनौती- 20 से 29 जनवरी प्री बोर्ड परीक्षा होगी। 29 के आसपास शिक्षकों की ट्रेनिंग होगी। अगर ऐसा हुआ तो 29 जनवरी के बाद शिक्षक प्री बोर्ड की कॉपी चेक करेंगे या ट्रेनिंग में जा सकेंगे। दावा: 35 दिन में चुनाव चुनौती- पहले दोनों चुनावों में 75 दिन लगते थे। अब सरकार को पहले निकाय और अगले ही दिन पंचायत चुनाव कराने होंगे। 30 हजार बूथों पर चुनाव संभव नहीं, क्योंकि संवदेनशील, अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। दावा: दोनों चुनाव एक साथ चुनौती- निकाय में महापौर चुनाव सीधे होने जा रहे हैं। पार्टियां सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी। संहिता लगने के बाद उम्मीदवार के नामों की घोषणा होंगी। ऐसे में दोनों में प्रचार का समय महज 10-15 दिन ही मिलेगा। फैक्ट फाइल 5वीं-8वीं की परीक्षाएं 15 से 30 मार्च के बीच प्रस्तावित हैं। अभी शेड्यूल तय नहीं है। पूरे प्रदेश के लिए एक साथ शैड्यूल जारी किया जाएगा।
– दिव्या मिश्रा, संचालक,डीपीआई