चंडीगढ़, पांच अगस्त (भाषा) चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्य सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह ‘‘ अस्थायी रूप से खुद को सार्वजनिक जीवन से अलग कर रहे हैं।’’

किशोर ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब पंजाब विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय रह गया है। किशोर ने 2017 चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने सिंह के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए ‘‘पंजाब दा कैप्टन’’ और ‘‘कॉफी विद कैप्टन’’ जैसे अभियान चलाए थे।

किशोर ने मुख्यमंत्री को बृहस्पतिवार को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘ अस्थायी रूप से सार्वजनिक जीवन में खुद को अलग करने के मेरे निर्णय को देखते हुए, मैं आपके मुख्य सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैंने अभी तक अपने भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करें। मुझे सेवाएं देने का मौका देने के लिए मैं आपका धन्यवाद भी करना चाहता हूं।’’

मुख्यमंत्री ने मार्च में किशोर को अपना प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया था और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया था।

सिंह ने मार्च में इस संबंध में जानकारी देते हुए ट्वीट किया था, ‘‘ यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर अब मेरे मुख्य सलाहकार होंगे। पंजाब के लोगों की उन्नति के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को उत्साहित हूं।’’

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि किशोर इसके लिये एक रुपये का सांकेतिक मानदेय लेंगे।

वर्ष 2022 के चुनाव के लिए सिंह की प्रचार रणनीति तैयार करने के लिए मार्च में पहली बार किशोर ने कांग्रेस के विधायकों के साथ बातचीत की थी ताकि चुनावी वादों को पूरा करने सहित विभिन्न मुद्दों पर उनकी राय जान पाएं। उन्होंने इससे पहले मुख्यमंत्री के शीर्ष सहयोगियों, प्रशासनिक सचिवों और विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ भी बैठकें की थीं।

किशोर ने 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान का जिम्मा भी संभाला था। वह इस साल की शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार भी थे।

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