प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है. अगले साल यानी 2025 में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथियों की लिस्ट यहां देखिए Pradosh Vrat date list in 2025: सनातन धर्म में प्रदोष तिथि (pradosh tithi)को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. प्रदोष तिथि के दिन भगवान शिव (lord shiva)के निमित्त प्रदोष व्रत किया जाता है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती के लिए प्रदोष व्रत (pradosh vrat)किया जाता है और कई जगहों पर इसे त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है. हर माह में दो से तीन बार प्रदोष व्रत आते हैं. माह में एक बार शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत आता है और दूसरा कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस लिहाज से एक साल में 24 से 25 मासिक प्रदोष व्रत आते हैं. प्रदोष व्रत में व्रत करने के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन विधिविधान से व्रत और पूजा करने से भगवान शिव और मां पार्वती की अपार कृपा और वरदान प्राप्त होता है.अन्य व्रतों की अपेक्षा प्रदोष व्रत में सांयकाल यानी सूर्यास्त के बाद भगवान शिव की पूजा की जाती है. चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत का महत्व, इसके नियम और 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियों के बारे में. सनातन धर्म में अजर अमर अविनाशी भगवान शिव को जन्म जन्मांतर के चक्र से मुक्ति देने वाला कहा गया है. उनकी आराधना के लिए हर माह प्रदोष व्रत किया जाता है. कहते हैं कि त्रयोदशी के दिन इस व्रत को करने से शिव धाम की प्राप्ति होती है. जो व्यक्ति नियमित रूप से प्रदोष व्रत रखता है, उसके जीवन की समस्त इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और जातक के परिवार के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि शाप मिलने के कारण चंद्रमा को क्षयरोग और दोष हो गया था और उसके भयंकर शारीरिक कष्ट हो रहा था. उसने सच्चे मन से भगवान शिव की आराधनी की और भगवान शिव ने उसके क्षय रोग का निवारण करके त्रयोदशी के दिन स्वस्थ होने का वरदान दिया. प्रदोष व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी होती है और चंद्रमा शुभ फल देता है. Post navigation Somvati Amavasya 2024: मोक्ष दिलाने वाली मानी जाती है सोमवती अमावस्या, इस दिन रखें कुछ बातों का ध्यान