Power Crisis In India: कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को बताया कि देश का कोयला उत्पादन बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत से बढ़कर 77.72 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.

देश में एक बार फिर बिजली संकट गहराता नजर आ रहा है. दरअसल महंगे हो रहे कोयला के आयात तीन राज्यों में बिजली की भारी कमी ला सकता है. माना जा रहा है कि आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान में आने वाले दिनों में बिजली की कमी से आमलोगों को काफी परेशानी हो सकती है.

वहीं  इस मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने एक हाई लेवल बैठक भी की है. ऊर्जा मंत्री ने कहा, ‘घबराने की जरूरत नहीं है, हम बिजली की मांग पूरी करेंगे.’ संघीय दिशानिर्देश अनुशंसा करते हैं कि बिजली संयंत्रों में औसतन कम से कम 24 दिनों का स्टॉक हो.

एक तरफ जहां तीन राज्यों में बिजली की कमी की खबरे आ रही है वहीं दूसरी तरफ कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को बताया कि देश का कोयला उत्पादन बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत से बढ़कर 77.72 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. उनका यह बयान कोयले की कमी की खबरों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. खबरों में कहा गया है कि गर्मियों में बिजली की बढ़ती मांग की वजह से कोयले की कमी का संकट पैदा हो गया है.  जोशी ने एक बयान में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में देश के कोयला क्षेत्र ने रिकॉर्ड 77.72 करोड़ टन का उत्पादन हासिल किया। इससे पिछले वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन 71.6 करोड़ टन रहा था.

पंजाब में कोयले की कमी

पंजाब की जनता के लिए आप सरकार 300 यूनिट मुफ्त बिजली की पहली गारंटी सुनिश्चित करने के लिए तैयार है. इसी बीच पंजाब में कोयले की कमी की खबर आई है जिससे प्रदेश में बिजली की कटौती हो रही है. पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पहले से ही वित्तीय दबाव में है, इसलिए पंजाब सरकार को राज्य की बिजली उपयोगिता को ओवरस्ट्रेन न करने के तरीकों के बारे में सोचना होगा. क्योंकि इस समय पंजाब की बिजली की स्थिति काफी गंभीर बनी रही और चार थर्मल इकाइयां बंद रहीं, जिससे 1,410 मेगावाट का नुकसान हुआ है.

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