छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को कानूनी नोटिस भेजकर 15 दिनों में दस्तावेजों की मांग की है।

छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को कानूनी नोटिस भेजकर दस्तावेजों की मांग की है। 15 दिनों में जवाब नहीं देने पर मानहानि का केस करने की बात भी कही गई है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने 3 बिंदुओं पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भेजा है। साथ ही यह भी बताने कहा है कि कांग्रेस के किस नेता ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी के किसी भी नेता ने भगवान श्रीराम और श्रीराम सेतु को कभी काल्पनिक नहीं बताया था। कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में मस्जिद बनाने का वादा भी कभी नहीं किया था। भाजपा द्वारा कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।

कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला, धनंजय सिंह ठाकुर, विधि विभाग प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवा देवांगन ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बयान दिया था कि ‘श्रीराम और श्रीकृष्ण, सबके हो सकते है, लेकिन कांग्रेस ने कभी नहीं हो सकते। CM भूपेश बघेल को यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने श्रीराम मंदिर को रोकने शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की थी। कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को नोटिस भेजा है। कांग्रेस ने 3 बिंदुओं पर तथ्य रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने कब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि भगवान राम काल्पनिक हैं। कांग्रेस ने रामसेतु को तोड़ने का खाका कब तैयार किया था। तीसरा कांग्रेस पार्टी में श्रीराम जन्मभूमि में मस्जिद बनाने का वादा कब किया था।

जवाब देने 15 दिनों की मोहलत
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अरुण साव के इस बयान के चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता, कांग्रेस के पदाधिकारी और कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है। कांग्रेस पार्टी ने भगवान श्रीराम और श्रीराम सेतु को कभी काल्पनिक नहीं बताया था। कांग्रेस ने अयोध्या में मस्जिद बनाने का वादा भी कभी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की प्रमाणिकता क्या है। कांग्रेस पार्टी के किस नेता ने हलफनामा दायर किया था। कांग्रेस के किस नेता ने मस्जिद बनाने का दावा किया था। इन सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया जाए। विधि विभाग प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवा देवांगन ने कहा कि अरुण साव खुद कानून के जानकार हैं। उनके ऐसे बयान से ठेस पहुंची है। नोटिस के जरिए हमने 15 दिनों के अंदर उनसे जवाब मांगा गया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यदि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो उन पर मानहानि का केस किया जाएगा।

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