प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दलाई लामा को जन्मदिन की शुभकामना देने को समग्र संदर्भ में देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को 87 वर्ष के होने पर दलाई लामा को फोन पर बधाई दी थी।

चीन ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को उनके 87वें जन्मदिन पर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी। अब भारत भी चीन को करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा कि दलाई लामा हमारे सम्मानित अतिथि हैं और उनको जन्मदिन की बधाई देने की हमेशा से हमारी रीति रही है। भारत ने कहा कि सरकार की नीति भारत में दलाई लामा को हमेशा सम्मानित अतिथि के रूप में देखने की रही है और इसे समग्र संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर में कहा, ‘‘ दलाई लामा भारत में सम्मानित अतिथि और धार्मिक नेता है जिन्हें धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यो को करने के लिये उचित शिष्टाचार एवं स्वतंत्रता प्रदान की गई है ।’’ उन्होंने कहा कि दलाई लामा का जन्मदिन भारत और दुनियाभर में उनके अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है।

चीन की प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दलाई लामा को जन्मदिन की शुभकामना देने को समग्र संदर्भ में देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को 87 वर्ष के होने पर दलाई लामा को फोन पर बधाई दी थी। मोदी ने बुधवार को ट्वीट किया था , ‘‘फोन पर दलाई लामा से बात कर उन्हें 87वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। हम उनके लंबे जीवन और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं।’’

प्रधानमंत्री ने पिछले साल भी दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर बधाई दी थी। दलाई लामा के अनुयायियों ने धर्मशाला में उनका जन्मदिन मनाया जहां दलाई लामा निर्वासन में रहते हैं। मोदी की शुभकामनाओं पर एक सवाल को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारतीय पक्ष को 14वें दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी स्वभाव को पूरी तरह से पहचानना चाहिए।’’

झाओ ने कहा, ‘‘चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए, समझदारी से बोलना और कार्य करना चाहिए तथा चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए तिब्बत से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।’’ झाओ ने दलाई लामा को बधाई देने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भी आलोचना की।

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