मिनी-बजट’ के जरिए पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को सहारा देने की कोशिश की जा रही है. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेतृत्व वाली सरकार बजट घाटे को कम करने का लक्ष्‍य लेकर चल रही है. खबरों की मानें तो पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 बिलियन डॉलर से भी कम हो चुका है.

इस्‍लामाबाद: 

महंगाई की जबरदस्‍त मार झेल रहे पाकिस्‍तान की आम जनता पर सरकार ने ‘मिनी बजट’ पेश कर ‘पेट्रोल बम’ छोड़ा है. ऐसे में पाकिस्‍तान की जनता का हाल ‘कंगाली में आटा गीला’ वाला हो गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तों के आगे झुकते हुए पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में ऐतिहासिक इजाफा किया है. दरअसल, पाकिस्तान सरकार अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के लिए किसी भी स्थिति में आईएमएफ से लोन हासिल करना चाहता है. इसके लिए सरकार एक ‘मिनी-बजट’ लेकर आई है. इस दौरान 22.20 रुपए की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की कीमत 272 रुपए प्रति लीटर हो गई है.

रिकॉर्ड स्‍तर पर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत
पाकिस्‍तान के वित्त विभाग की ओर से बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ईंधन की कीमतों में इजाफे की जानकारी दी गई. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट जियो टीवी की खबर के अनुसार, हाई-स्पीड डीजल की कीमत 17.20 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 280 रुपए प्रति लीटर हो गई है। मिट्टी का तेल (केरोसिन) 12.90 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब 202.73 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है. लाइट डीजल 9.68 रुपये की वृद्धि के बाद 196.68 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा. पाकिस्तान में नई कीमतें बुधवार रात 12 बजे के बाद लागू हो गईं.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का है बुरा हाल
बता दें कि आईएमएफ की प्रमुख शर्तों में से एक पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में वृद्धि थी. पाकिस्तान में पहले से पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं. मूडीज एनालिटिक्स से जुड़ी वरिष्ठ अर्थशास्त्री कैटरीना एल ने भविष्यवाणी की थी कि पाकिस्तान में मुद्रास्फीति 2023 की पहली छमाही में कम होने से पहले औसतन 33 फीसदी हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा था कि अकेले आईएमएफ का राहत पैकेज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं ला सकता.

क्‍या काफी होगी IMF की आर्थिक मदद?
मिनी-बजट’ के जरिए पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को सहारा देने की कोशिश की जा रही है. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेतृत्व वाली सरकार बजट घाटे को कम करने का लक्ष्‍य लेकर चल रही है. खबरों की मानें तो पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 बिलियन डॉलर से भी कम हो चुका है. सरकार 170 अरब रुपए इकट्ठा करने के लिए जनता पर नए कर लागू कर चुकी है. इतना सब करके भी उसे आईएमएफ से जो मदद मिलने की उम्‍मीद है, वो काफी नहीं हैं. पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर आने में अभी लंबा समय लगेगा.

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