कच्चे तेल (Crude Oil) के बाजार में इन दिनों भीषण सुस्ती छाई है। बीते जुलाई के पीक के बाद इसकी कीमतों में अब तक 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। लेकिन भारतीय बाजार (Indian Fuel Market) इससे अछूता लगता है। यहां चार महीने के बाद आज सिर्फ डीजल के दाम (Diesel Price Decreased) घटे हैं। पेट्रोल को पहले के स्तर पर ही छोड़ दिया गया

हाइलाइट्स
चार महीने बाद डीजल के दाम में हुई 20 पैसे प्रति लीटर की कमी
इससे पहले बीते 15 अप्रैल को डीजल के दाम में हुई थी 14 पैसे की कमी
आज लगातार 32 वें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई फेरबदल नहीं
इससे पहले बीते 17 जुलाई को पेट्रोल 30 पैसे चढ़े थे
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में लगातार मंदी का रूख

नई दिल्ली
कोविड-19 (Covid-19) के डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) का कहर फिर से टूट पड़ा है। इसका असर क्रूड ऑयल मार्केट (Oil Market) पर दिख रहा है। तभी तो बीते जुलाई से अभी तक इसकी कीमत में नौ फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। लेकिन भारत के पेट्रोल-डीजल बाजार (Petrol Diesel Market) को देखें तो यहां उस तरह से कीमतें नहीं घटी हैं। बीते 31 दिनों से जहां पेट्रोल (Petrol) के दाम स्थिर हैं, वहीं चार महीने के बाद आज डीजल के दाम में 20 पैसे की कमी हुई। इससे पहले बीते 15 अप्रैल को डीजल के दाम में प्रति लीटर 14 पैसे की कमी हुई थी। दिल्ली के बाजार (Delhi Market) में बुधवार को इंडियन ऑयल (IOC) के पंप पर पेट्रोल जहां 101.84 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा, वहीं डीजल 20 पैसे टूट कर 89.67 रुपये प्रति लीटर पर आ गया।

इस साल मई से जुलाई के बीच 11.52 रुपये महंगा हो चुका है पेट्रोल
इस साल की पहली तिमाही के दौरान कई राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की प्रक्रिया चलने की वजह से बीते मार्च और अप्रैल में पेट्रोल की कीमतों (Petrol Price) में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। इसलिए, उस दौरान कच्चा तेल महंगा (Crude Oil Dearer) होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम (
Petrol Diesel Price) में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। लेकिन, बीते चार मई से इसकी कीमतें खूब बढ़ी। कभी लगातार तो कभी ठहर कर, 42 दिनों में ही पेट्रोल 11.52 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। हालांकि, हरदीप सिंह पुरी के पेट्रोलियम मंत्री (Petroleum Minister) बनने के बाद बीते 18 जुलाई से इसके दाम स्थिर हैं।

15 अप्रैल 2021 के बाद पहली बार सस्ता हुआ है डीजल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल भले ही सस्ता बिक रहा हो, लेकिन यहां सरकारी तेल कंपनियां उस हिसाब से कीमतों में कमी नहीं कर रही हैं। वैसे भी डीजल (Diesel) महंगा ईंधन होने के बावजूद भारत में यह पेट्रोल के मुकाबले सस्ता बिकता है। इसकी वजह यह है कि यहां अधिकतर बस और ट्रक (Bus & Truck) डीजल से ही चलते हैं। यदि यह ईंधन महंगा होता है तो बाजार में महंगाई तेजी से भड़कती है। इस साल की शुरूआती महीनों में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस दौरान 41 दिनों तक डीजल के दाम (Diesel Price) में कोई फेरदबल नहीं हुआ था। लेकिन बीते 4 मई से इसमें जो ठहर-ठहर कर बढ़ोतरी हुई, उससे डीजल 9.08 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। उसके बाद बीते 16 जुलाई से इसके दाम में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। आज इसकी कीमतों 20 पैसे प्रति लीटर की कमी हुई।

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