दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले इसका भाड़ा ज्यादा है, इसलिए 70 फीसदी सीटें खाली जा रही हैं। ऐसे में इस रूट पर वंदे भारत चलाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
इसलिए रेलवे ने बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर इसमें भी 16 कोचों की संख्या घटाकर आठ करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने इसके लिए रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा था। बोर्ड ने इसकी मंजूरी देते हुए वंदे भारत का 8 कोच वाली रैक दुर्ग भेजी गई है। वर्तमान में रैक दुर्ग वाशिंग लाइन में खड़ी है। रेलवे की तकनीकी विभाग की टीम इसकी जांच कर रिपोर्ट देगा। इसके बाद ही इसे चलाया जाएगा। रेलवे सूत्रों की माने तो रैक पुरानी है। आनंद विहार और अयोध्या के बीच चल रहे 8 डिब्बों को यहां भेजा गया है। यही कारण है कि पहले इसकी जांच की जाएगी। अफसरों का कहना है कि वंदे भारत में रूट और यात्रियों की संख्या के आधार पर 8, 16 या 20 कोच हो सकते हैं। 16 कोच में 1128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। आठ कोच में 564 यात्री सफर कर सकेंगे। ऐसे में रेलवे को यह ट्रेन भारी पड़ रही है क्योंकि, इस ट्रेन को लेकर यात्रियों में कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। इसकी बड़ी वजह महंगा किराया है। ऐसे में दोनों तरफ से वंदे भारत को ज्यादा यात्री नहीं मिल रहे हैं।

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