भाजपा में पहली बार ‘दिल्ली’ तय करेगी जिलों के अध्यक्ष, 3 नामों के पैनल भेजेंगे छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा दिल्ली से होगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब जिलाध्यक्षों के लिए तीन-तीन नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजा जाएगा और वहां से नामों की घोषणा की जाएगी। शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। दरअसल हाल ही में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर विवाद के बाद तीन मंडल अध्यक्षों के नाम रद्द कर दिए गए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए जिलाध्यक्षों की घोषणा के लिए विशेष ऐहतियात बरती जा रही है। भाजपा के संगठन पर्व के सिलसिले में संगठन चुनाव की समीक्षा और नगरीय निकाय व त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए भाजपा की मैराथन बैठकें रखी गईं थी। इस दौरान पहले संगठन चुनाव की समीक्षा की गई। जिसमें सभी जिलों के चुनाव प्रभारियों व सह प्रभारियों से प्रदेश प्रभारी नवीन सहित प्रदेश पदाधिकारियों ने वन-टू-वन बातचीत की और उनके क्षेत्र में बूथ व मंडल में चुनाव की समीक्षा की। इसी के साथ जिला अध्यक्ष पद के लिए आए नामों पर प्रारंभिक चर्चा की। बताया गया है कि जिला अध्यक्षों के नामों के पैनल पर केन्द्रीय चुनाव समिति से चर्चा कर अंतिम निर्णय किया जाएगा। कांग्रेस अपना बंगला झांके, उनके घर में इतने छेद कि सब दिखता है: नबीन
भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने कहा कि कांग्रेस को हमारे संगठन में क्या काम हो रहा है इसकी चिंता है। अरे अपना बंगला झांक लेते। जिसके घर में इतने छेद हैं, उन छेद से हर चीज दिखती है। वह हमारे यहां तांक-झांक कर रहे हैं। निंदक नियरे राखिए को मानकर मैं तो उनके अच्छे सुझाव लोकतंत्र के तरीके से आत्मसात करूंगा, लेकिन कम से कम अपने बंगले में तो झांक लेते। वहीं मंडल अध्यक्षों के चुनाव पर हुए बवाल पर उन्होंने कहा कि सबकी अपनी अपेक्षा है। सबको लगता है कि उनको भी मौका मिलना चाहिए। यहां तो कई ऐसे पार्टियां हैं जहां प्रदेश अध्यक्ष बनने में भी लोग उत्सुकता जाहिर नहीं करते। सर्वानुमति से जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करेंगे : पटेल
भाजपा के केंद्रीय संगठन चुनाव पर्यवेक्षक गजेंद्र सिंह पटेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बूथ व मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब सर्वानुमति से जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जातिगत समीकरण, कार्यकर्ताओं की सक्रियता और पूर्व पदाधिकारी के काम के आधार पर पूरे जिले की आवश्यकता के आधार पर चयन किया जाएगा।