भास्कर न्यूज |अंबिकापुर नववर्ष के उपलक्ष्य में तुलसी साहित्य समिति की ओर से केशरवानी भवन में 83 वर्षीय वरिष्ठ शायर यादव विकास की अध्यक्षता में काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अयोध्या से पधारे नमो सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिनंदन पाठक, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ नागरिक लीला यादव, कवयित्री आशा, उमेश पांडेय और वरिष्ठ व्याख्याता सच्चिदानंद पांडेय थे। संचालन कवि अजय सागर ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाकवि तुलसीदास रचित रामचरितमानस और वरिष्ठ कवि बंशीधर लाल ने सृजित सरगुजिहा रामायण के संक्षिप्त पाठ से िकया । सरस्वती-वंदना की मनोरम प्रस्तुति कवयित्री व संस्था की उपाध्यक्ष आशा पांडेय ने दी। सच्चिदानंद पांडेय ने सबको नए साल की हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नया साल 2025 सबके जीवन में नूतन आशा, उमंग और उत्साह का संचार करे। लोग अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए नए संकल्प लें और उन्हें पूरा करने के लिए जुट जाएं। सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में खोकर अपना बहुमूल्य समय बर्बाद न करें। व्यावहारिक जीवन में वास्तविक रिश्तों और मित्रों से संबंध मधुर बनाएं। शनर्स समाज के जिलाध्यक्ष हरिशंकर सिंह का कहना था कि हम नए वर्ष का स्वागत नई ऊर्जा के साथ करें। नया साल हमें सुखी और धन-धान्य से परिपूर्ण रखे। काव्यगोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष दोहाकार व शायर मुकुंदलाल साहू ने अपने दोहों से सबको नूतन वर्ष की बधाई देकर सुख-शांति की कामना की और कहा कि आज धरा के धाम में, स्वागत है नववर्ष। लोगों का दुख दूर कर, फैलाओ तुम हर्ष। भाईचारा, प्रेम से, आज बनेंगे काम। इसके साथ ही अभिनंदन पाठक ने नए साल में स्वजनों और पूरी मानवता की बेहतरी के लिए संकल्पित होकर कार्य करने पर ज़ोर दिया। कविवर श्यामबिहारी पांडेय ने बताया कि नववर्ष का प्रारंभ भले ही ग्रिगोरियन कैलेण्डर के अनुसार हो मगर हमारी उत्सवधर्मिता नववर्ष पर चरम पर होती है। कार्यकारी अध्यक्ष कवयित्री माधुरी जायसवाल ने कहा कि बदली थी तब सदी अब सन् चौबीस भी बदल गया। पच्चीस के स्वागत में मन है कुछ बहल गया। कवि उमाकांत पांडेय ने लोगों से नए साल में नए ढंग से जीने का अनुरोध किया और अपनी गजल सुनाई। इसके अलावा दूसरे कवियों ने भी अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी।