Pakistan Bomb Blast Today: पाकिस्तान के क्वेटा में बॉम्ब ब्लास्ट में तीन की मौत और 27 घायल। सूत्रों के मुताबिक टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
Pakistan Suicide Bomber Attack: पाकिस्तान क्वेटा शहर में बुधवार (30 नवंबर) को पुलिस के ट्रक पर आत्मघाती हमला किया गया। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है, वहीं 27 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह आत्मघाती हमला क्वेटा के बालेली इलाके में हुआ। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल के लोग घटना स्थल पर पहुंच गए। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि बुधवार को पश्चिमी पाकिस्तान में एक पुलिस ट्रक को निशाना बनाकर किए गए एक आत्मघाती हमलावर में तीन लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए। क्वेटा के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल गुलाम अजफर महेसर ने बताया कि विस्फोट पुलिस ट्रक को निशाना बनाकर किया गया। शुरुआती जांच में ही स्पष्ट हो गया है कि ये एक आत्मघाती हमला था। घटनास्थल से आत्मघाती हमलावर के अवशेष भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि विस्फोट के कारण पुलिस ट्रक पलटकर खाई में गिर गया था।
सीजफायर तोड़ने के बाद टीटीपी का पहला हमला: एएफपी को दिए एक बयान में, टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि वह जल्द ही और जानकारी साझा करेगा। कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने सोमवार को पाकिस्तान के साथ अस्थिर संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा करते हुए राष्ट्रव्यापी हमलों को फिर से शुरू करने का आदेश दिया था। कल ही टीटीपी ने सीजफायर तोड़ने का ऐलान किया था। सीजफायर तोड़ने के बाद टीटीपी का यह पहला हमला है।
आत्मघाती हमलावर ने वाहन को मारी टक्कर: डीआईजी मेहसर ने घटना में हताहतों की जानकारी देते हुए कहा कि इस हादसे में एक पुलिसकर्मी समेत एक बच्चे की मौत हो गई है। वहीं, 20 पुलिसकर्मी समेत 27 लोग घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि दो पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक बनी हुई है। डीआईजी के मुताबिक विस्फोट में पुलिस के ट्रक सहित तीन वाहन और आसपास की दो कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, एक आत्मघाती हमलावर ने बलूचिस्तान कांस्टेबुलरी के वाहन को टक्कर मार दी।
पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (PIPS) के अनुसार, जब से अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी हुई है पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इनमें से अधिकांश हमले खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के पश्चिमी प्रांतों में हुए हैं।