रत्ना राशिद को 2019 में आनंद शंकर रे मेमोरियल अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने पश्चिमबंग बांग्ला अकैडमी को पत्र लिखकर कहा कि वह जल्द ही मोमेंट और अवॉर्ड कार्यालय भिजवा देंगी।

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती के मौके पर पश्चिमबंग बांग्ला अकैडमी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक नया अवॉर्ड देने का ऐलान किया था। सरकारी कार्यक्रम में उन्हें यह अवॉर्ड दिया गया। अब कई साहित्यकार अकैडमी के फैसले के विरोध में उतर आए हैं। बंगाली लेखक रत्न राशिद बंदोपाध्याय ने अपना अवॉर्ड अकैडमी को वापस कर दिया।

इसी तरह साहित्य अकादमी (पूर्वी क्षेत्र) के जनरल काउंसिल के सदस्य आनंदिरंजन विश्वास ने बंगाली अडवाइजरी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जो अवॉर्ड दिया गया है वह तीन साल में एक बार दिया जाएगा। यह अवॉर्ड ऐसे शख्स को दिया जाना है जो कि मुख्यतः साहित्य के क्षेत्र से न होते हुए भी सृजन करता है। शिक्षा मंत्री ब्रत्य बासु ने सोमवार को ऐलान किया था कि मुख्यमंत्री की रचना कोबिता बितान के लिए उन्हें अवॉर्ड दिया जाएगा। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इस फैसले का विरोध शुरू हो गया था।

रत्ना राशिद को 2019 में आनंद शंकर रे मेमोरियल अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने पश्चिमबंग बांग्ला अकैडमी को पत्र लिखकर कहा कि वह जल्द ही मोमेंट और अवॉर्ड कार्यालय भिजवा देंगी।  उन्होंने कहा, मुझे पता चला है कि पश्चिमबंगा बांग्ला अकैडमी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अवॉर्ड देने जा रही है। ऐसा करके अकैडमी केवल निंदनीय उदाहरण स्थापित कर रही है और यह ऐसे लोगों की बेइज्जती है जो साहित्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *