Mallikarjun Kharge: राजस्थान में बीते दिनों हुए सियासी हंगामे के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार का भरोसा डगमगा गया।

Mallikarjun Kharge: राजस्थान में बीते दिनों हुए सियासी हंगामे के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार का भरोसा डगमगा गया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस से खुद को अलग करने की घोषणा की। गहलोत के हटते ही एक नए और भरोसेमंद चेहरे की तलाश शुरू हुई। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम अचानक सामने आया। सियासी जानकारों ने कहा कि गांधी परिवार के कहने पर ही उन्होंने पर्चा दाखिल किया और दिग्विजय सिंह ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा वापस ले ली।

नामांकन के दौरान भी कांग्रेस और गांधी परिवार के करीबी अधिकांश नेता खड़गे के समर्थन में खुलकर सामने आए। नामांकन के बाद वोटिंग तक गांधी परिवार ने खुद को इस लड़ाई से खुद को अलग करने की पूरी कोशिश की, लेकिन खड़गे के समर्थन में आगे आए गांधी परिवार के वफादारों ने यह साबित कर दिया कि खड़गे की जीत तय है।

मनमोहन सिंह जब भारत के प्रधानमंत्री थे, तो विपक्षी दल लगातार इस बात के आरोप लगाते रहे कि वह एक रबर स्टांप प्रधानमंत्री हैं। सारा फैसला दस, जनपथ यानी सोनिया गांधी के द्वारा ही लिया जाता है। अब 24 साल के बाद कांग्रेस को एक ऐसा अध्यक्ष मिलने जा रहा है, जिसके सरनेम में गांधी टाइटल नहीं लगा है। मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत लगभग तय मानी जा रही है। इस बात की पूरी संभावना है कि उनपर भी एक रबर स्टांप अध्यक्ष बनने का ठप्पा लग सकता है।

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